आज है हरतालिका तीज, जानिए पूजा विधि

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया 30 अगस्त को सुहागिन महिलाएं व कुंवारी कन्या हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी। यह व्रत और इसकी पूजा करना बहुत ही कठिन माना जाता है।

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया 30 अगस्त को सुहागिन महिलाएं व कुंवारी कन्या हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी। यह व्रत और इसकी पूजा करना बहुत ही कठिन माना जाता है। सुहागिन महिलाएं अपने पति और परिवार की सेहत और दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं। वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। एसडीओ रोड क्लब घाट अवस्थित बाबा दुखहरण नाथ मंदिर के पूजारी डॉ राजीव नयन झा ने पंचांगों को देख कर बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि 29 अगस्त दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 30 अगस्त मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट रहेगी।

उदयातिथि के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त मंगलवार को रखा जाएगा। साथ ही हस्त नक्षत्र 12 बजकर 01 मिनट रात्रि तक है। हरतालिका तीज पूजा के शुभ मुहूर्त में अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:33 से 12:24 तक। विजयी मुहूर्त दोपहर 02:05 से 02:56 तक। अमृत काल मुहूर्त शाम 05:38 से 07:17 तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 06:07 से 06:31 तक, सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06:19 से 07:27 तक एवं निशिथ मुहूर्त रात्रि 11:36 से 12:21 तक का है। 

उन्होंने बताया कि हरतालिका तीज के पूजन सामग्री में शिव, पार्वती और श्रीगणेशजी की मिट्टी की मूर्ति, पीला वस्त्र, दही, शहद, दूध, धतूरा, शमी के पत्ते, केले का पत्ता, जनेऊ, सुपारी, रोली, कलश, बेलपत्र, दूर्वा, अक्षत, घी, कपूर, गंगाजल, फुलहारा और 16 श्रृंगार का सामान मुख्य होता है। इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं सूर्योदय से पूर्व ही उठ कर, नहा कर पूरा श्रृंगार करती हैं। पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी-शंकर की प्रतिमा मिट्टी की स्थापित की जाती है। इसके साथ पार्वती जी को सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है। रात में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है। इस दिन ‘ॐ पार्वतीपतये नमः मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना चाहिये।

मिथलांचल में प्रसिद्ध चौठ चन्द्र पूजन 30 अगस्त को ही संध्या बाद से प्रारंभ होगा ।अगले दिन से गणेश पूजा एवं गणेश उतसव प्रारम्भ हो कर 09 सितंबर को गणेश विसर्जन एवं अनंत पूजा होगी।

रविवार छुट्टी का दिन होने के वजह से भर ज्यादा थी। महिलाओं ने व्रत से सम्बंधित समानों, श्रृंगार प्रसाधन व कपड़ो की जम कर खरीदारी की। बांस की डलिया, मिट्टी की कटोरी, पूजन सामग्री, सारी व सुहाग की समानों की खरीदारी की। इस बार हर समानों पर 20 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गयी। स्टेशन रोड स्थित एक दुकानदार ने बताया कि सभी समानों की कीमतें बढ़ गयी है। लेकिन श्राद्धालुओ के उत्साह में कोई कमी नही है। पहली बार व्रत रखने वाली महिलाएं ज्यादा उत्साहित दिखी। इधर ज्वेलरी की दुकानों पर भी देर शाम तक ग्राहकों की चहल पहल बनी रही।

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