सुझाव: कोरोना संकट के बाद पर्याप्त कवर वाला स्वास्थ्य बीमा ही खरीदें

नई दिल्ली। कोरोना संकट ने स्वास्थ्य बीमा के बड़े कवरेज की अहमियत से अवगत कराया है। आमतौर पर अभी तक पांच लाख रुपये तक का कवर पर्याप्त माना जाता था लेकिन कोरोना के इलाज में कई बीमा धारक को इसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ा है।

ऐसे में बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि एक परिवार में माता-पिता और दो बच्चे हैं तो स्वास्थ्य बीमा में 20 से 25 लाख रुपये तक का कवर लेना चाहिए। स्वास्थ्य बीमा के तहत पर्याप्त कवर पाने के लिए उच्च प्रीमियम वाला पॉलिसी का चयन करना चाहिए।

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व्यापक कवरेज का मिलेगा लाभ

विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य बीमा में हमेशा कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज वाली पॉलिसी लेनी चाहिए। इस तरह की पॉलिसी में प्रीमियम लागत जरूर अच्च होती है लेकिन अस्पताल में भर्ती खर्च के अलावा इसमें मैटरनिटी, बेबी केयर, ओपीडी खर्च, डे-केयर, अंग दान, गंभीर बीमारी आदि के इलाज खर्च भी शामिल होते हैं। इस तरह की पॉलिसी में अस्पताल के रूम के चार्ज में भी एक लिमिट तय की हुई रहती है।

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प्रतीक्षा अवधि में राहत नहीं

बीमा कंपनियां महंगे प्रीमियम वाले स्वास्थ्य बीमा में कई तरह की सुविधाएं अतिरिक्त देती हैं लेकिन बीमारी के प्रतीक्षा अवधि और हेल्थ चेकअप में कोई रियायत नहीं मिलती है। कोई भी बीमा कंपनी हेल्थ चेकअप और प्रतीक्षा अवधि के साथ ही आती है।

विदेश में इलाज करना भी संभव

महंगी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेने का एक फायदा यह है कि आप गंभीर बीमारी का इलाज विदेश में भी करा सकते हैं। इसके साथ ही महंगाई बढ़ने के साथ इलाज खर्च के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं होती है।

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