
यूक्रेन के खेरसॉन में 24 दिसंबर को एक खदान में विस्फोट होने से तीन आपातकालीन सेवा कर्मचारियों की मौत हो गई। ये कर्मचारी रूस के हमले के बाद से ही यहां काम कर रहे थे। यूक्रेन की राज्य आपातकालीन सेवा ने फेसबुक पोस्ट पर कहा कि यह तीनों कर्मचारी विशेष प्रयोजन इकाई के आपातकालीन और बचाव दल का हिस्सा थे। यह खदानों से विस्फोट को निष्क्रिय करने का कार्य करते थे।

इससे पहले 24 दिसंबर को ही रूसी हमले में खेरसॉन शहर में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने इस हमले की निंदा की थी। यूकेन के अधिकारियों ने इसे रूस की तरफ से किया गया हमला बताया था, जबकि दूसरी ओर मास्को ने यूक्रेनी सेना को दोषी ठहराया।
रूस और यू्क्रेन के बीच 10 महीने से जंग जारी
रूस और यू्क्रेन के बीच पिछले 10 महीने से जंग जारी है। रूस ने हमला कर यूक्रेन के खेरसॉन शहर को नियंत्रित कर लिया था, लेकिन यूक्रेन सेना ने इसे वापस हासिल किया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा, ‘रूसी सेना ने यहां काफी तबाही मचाई और इमारतों को धवस्त किया था। लेकिन हमारी सेना के बढ़ते दबाव और जज्बे से रूसी सैनिकों को यहां से जाना पड़ा।’ नवंबर के मध्य में यूक्रेनी सेना ने रूस के कब्जे से एकमात्र क्षेत्रीय राजधानी खेरसॉन को वापस ले लिया।
यूक्रेन की जमीं पर विस्फोट का खतरा
दिसंबर की शुरुआत में अमेरिकी विदेशी विभाग ने अनुमान लगाया था कि यूक्रेन की लगभग 160,000 वर्ग किलोमीटर (62,000 वर्ग मील) भूमि में विस्फोट का खतरा है। इसकी जांच की जानी चाहिए, ताकि खतरे से बचा जा सके। यहां बारूदी सुरंगे, बम और अन्य विस्फोट हो सकते है। अमेरिकी विदेशी विभाग के अनुसार यह क्षेत्र जर्मनी की भूमि का लगभग आधा है। विदेश विभाग ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे बड़ी बारूदी सुरंग और बिना विस्फोट वाली अध्यादेश चुनौतियों में से एक होगी।