गंदगी फैलाने वालों को #वन्दे_मातरम् कहने का हक नहीं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (11 सितंबर) को ‘यंग इंडिया’ थीम पर युवाओं को संबोधित किया। स्‍वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक शिकागो भाषण के 125 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि ‘यह दिन 9/11, 2001 के बाद से ज्‍यादा चर्चा में आया मगर 1893 में एक और 9/11 हुआ था जो हमें याद है।पीएम मोदी

अपने कुछ शब्‍दों से भारत के एक नौजवान ने दुनिया जीत ली थी और एकता की ताकत दुनिया को दिखाई थी। स्‍वामी विवेकानंद के अपनी आवाज समाज की बुराइयों के खिलाफ उठाई।’ मोदी ने आगे कहा, ”स्‍वामी विवेकानंद उपदेश देने में विश्‍वास नहीं रखते थे। स्‍वामी विवेकानंद ने आदर्शवाद में विचार बदले और एक ढांचागत संस्‍था तैयार की। उन्‍होंने रामकृष्‍ण मिशन आश्रम को जन्‍म दिया, न कि विवेकानंद मिशन आश्रम।”

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इसके बाद प्रधानमंत्री ‘वंदे मातरम’ के मुद्दे पर गंभीर हो गए। उन्‍होंने कहा, ”मैं यहां आया, पूरी ताकत से वंदे मातरम वंदे मातरम सुन रहा था। रौंगटे खड़े हो जाते हैं। मैं पूरे हिंदुस्‍तान को पूछ रहा हूं, क्‍या हमें वंदे मातरम कहने का हक है क्‍या? मैं जानता हूं मेरी ये बात बहुत लोगों को चोट पहुंचाएगी, मैं जानता हूं।” इसके बाद प्रधानमंत्री ने बात को स्‍वच्‍छ भारत अभियान से जोड़ दिया।

उन्‍होंने कहा, ”50 बार सोच लीजिए, क्‍या हमें वंदे मातरम कहने का हक है? पान खाकर भारत मां पनर पिचकारी मारें और फिर वंदे मातरम बोलें? हम लोग वो सारा कूड़ा-कचरा भारत मां पर फेंके और फिर फिर वंदे मातरम बोलें? इसे देश में सबसे पहला हक किसी को है तो देश भर में सफाई का काम करने वाले भारत मां के उन सच्‍ची संतानों को है।”

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