पूरे दिन में इस समय आता है ‘गोल्डन टाइम’, जब मुंह से निकली हुई दुआ हो जाती है कबूल
हम सभी चाहते हैं कि हमारी मांगी हुई तकरीबन हर दुआ कबूल हो जाए मगर ऐसा हो ही जाए यह संभव नहीं है। आपने और शायद हर किसी ने अपने बचपन में ये बात जरूर सुनी है कि दिन में एक बार हमारी जुबान पर सरस्वती जी का वास होता है और उस समय बोली गयी सभी बातें सच हो जाती हैं मगर हम ये नही जान पाते कि वो समय कौन सा होता है। आज हम आपको बताएँगे की आज भी ऐसा होता है और यह पूरी तरह सच है और इस बारें में कई ज्योतिषियों और पंडितों ने भी बताया है, तो चलिये जानते है क किस तरह से हम इस गोल्डन समय का पता कर सकते है।
कैसे निकाले शुभ समय
बताना चाहेंगे की इस समय को निकालने का तरीका बहुत ही आसान है, इसके लिए आपको सिर्फ महीने और दिन का पता होना चाहिए और आप आसानी से यह समय जान सकते हैं। मान लीजिये की ये महीना मार्च का है और आज 14 तारीख है, तो इसका मतलब हुआ आज का शुभ समय 14:03 है। ऐसे ही किसी महीने की तारीख 25-31 होती है तो इसकी गणना उलटी हो जाएगी जैसे की 25 मार्च को गोल्डन समय 03:25 बन जाायेगा। आपने देखा होगा की यह तरीका वाकई में काफी ज्यादा आसान है जरूरत है तो बस ध्यान देने की और सचेत रहने की ताकिआप भी अपने जीवन को बेेहतर बना सकें।
हालांकि कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ दुआए कभी पूरी ही नही होती, हम कितनी भी कोशिश करें हमारी कई सारी कामनाएं अधूरी ही रह ही जाती हैं। तो चलिये जानते है उन तरीकों के बारें में जिनका उपयोग करके आप किसी भी आशा को अगले 24 घंटे के अंदर में पूरा कर सकते हैं।
तुलसी के पौधे का उपयोग
तुलसी के पौधे पर सुबह जल चढ़ाएं। साथ ही शाम को मिट्टी के दीपक में घी का दिया जलाएं। आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। इसके अलावा आप किसी भी शभ पुष्य नक्षत्र के रविवार के दिन सफेद आक की जड़ से भगवान गणेश की प्रतिमा का निर्माण करें। साथ ही में लाल कनेर के फूलों, चंदन और दूब का प्रयोग करते हुए विधिवत भगवान की पूजा करें। इसके बाद उसी प्रतिमा के सामने कुश आसन में विराजमान होकर गणेश जी के बीज मंत्र “ॐ गं नम:” का 108 बार जाप करें।
रुद्राक्ष
किसी भी सोमवार को खासकर सावन में शिव मंदिर में गौरी शंकर रुद्राक्ष चढ़ाएं, इसके अलावा हर सोमवार को बेलपत्र पर सफेद टिका लगाते हुए अपनी इच्छा के बारे में सोचें।
गणेशजी की ये प्रतिमा जीवन की सभी परेशानियों से दिलाती है मुक्ति
बरगद के पत्ते
बरगद के पत्ते पर अपनी मनोकामना लिखकर उसे किसी जल धारा में प्रवाहित करें, हालांकि ऐसा करते वक़्त ध्यान रखे इस दौरान आपको कोई भी व्यक्ति टोके नहीं।