OMG… कभी 5000 रुपए की कंप्यूटर ऑपरेटर थी ये लेडी, अब सालाना कमाती हैं 2Cr रु., जानें इनका SUCCESS मंत्र

लखनऊ. महीने में 5 हजार रुपए की नौकरी करने वाली प्रेरणा वर्मा ने जॉब छोड़कर 2 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी खुद के दम पर खड़ी की। नौकरी के वक्त से बिजनेस शुरू करने के बीच उन्हें काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। जॉब छोड़ने के बाद उन्होंने करीब डेढ़ महीना पार्टनरशिप में बिजनेस किया, लेकिन कुछ मिस अंडरस्टैंडिंग की वजह से पार्टनरशिप टूट गई। 
OMG... कभी 5000 रुपए की कंप्यूटर ऑपरेटर थी ये लेडी, अब सालाना कमाती हैं 2Cr रु., जानें इनका SUCCESS मंत्र

ऐसा बीता बचपन…

– प्रेरणा वर्मा बताती हैं ‘मेरा जन्म 19 नवंबर 1982 को कानपुर शहर के एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। घर में पिता, मां और दो भाई बहन हैं। पिता की डेथ हो गई है।”
– ”मैंने हाईस्कूल-इंटर की पढ़ाई कानपुर के गुरुनानक स्कूल से 1995-1997 में कंप्लीट की थी। उसके बाद 1998 में कानपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कंप्लीट किया। उसके बाद वहीं से 2000 में इकोनामिक्स सब्जेक्ट में पीजी किया।”

12 सौ रुपए मिली थी पहली सैलरी

– ”घर की आर्थ‍िक हालत ठीक नहीं थी। इसलिए 1997 में इंटर की पढ़ाई के साथ ही जॉब करना शुरू कर दिया था। तब मैं कंप्यूटर ऑपरेटर की जॉब करती थी। मुझे पहली सैलरी 12 सौ रुपए मिली थी।”
– ”पहली सैलरी पाकर मैं बेहद खुश थी। पैसे को लेकर मैंने कभी बड़ा बनने की उम्मीद नहीं पाली थी। मेरी इच्छा थी कि बस इतना पैसा कमा सकूं कि घर का खर्च चला सकूं और अपनी पढ़ाई पूरी कर सकूं। मैंने 6 साल तक काम करने के बाद पांच हजार रुपए की सैलरी पर जॉब छोड़ दिया।”

खुद का काम शुरू करने का ऐसे आया आइडिया, ये रहा टर्निंग प्वॉइंट

– ”जब मैं कंप्यूटर ऑपरेटर का काम कर रही थी। उसी टाइम मुझे एक आदमी ने अपने बिहाफ पर प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने का ऑफर दिया। मैंने एक महीने के लिए मार्केटिंग किया। बाद में उस आदमी ने मुझे पार्टनरशिप का ऑफर की।”
– ”मैंने उसके साथ काम करना शुरू कर दिया, लेकिन बाद में वो बदल गया। उसने मुझे इग्नोर करना शुरू कर दिया। जनवरी 2005 में उसने ताने मारते हुए डेढ़ महीने की पार्टनरशिप खत्म कर दी।”
– ”इतना ही नहीं उसने मेरा मजाक भी उड़ाया- ‘तुम क्या बिजेनस करोगी। जिसे बिजेनस के बारे में कुछ भी नहीं पता। मालिक-मालिक होता है, और कारीगर तो बस एक कारीगर ही होता है।’ मैं थोड़ा सा निराश हुई, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी।”
– ”मैंने उसके चैलेंज को एक्स्पेट किया और वहीं से मेरे मन में अपना काम शुरू करने का आइडिया आया।”

2 करोड़ के करीब है सलाना टर्नओवर

– प्रेरणा ने बताया, ”मुझे लगा नौकरी करके कुछ हजार रुपए तो मैं कभी भी कमा सकती हूं, क्यों न इस चैलेंज को स्वीकार करूं कि मैं भी बिजनेस कर सकती हूं।”
– ”साल 2005 में मैंने एक बार फिर अपने घर के छोटे से कोने में अपना छोटा सा ऑफिस बनाया और काम की शुरुआत कर दी। शुरुआत अच्छी हुई और प्रोडक्ट के लिए ऑर्डर आना शुरू हो गए। उससे हिम्मत मिली।”
– ”एक साल बाद 2006 में अपनी कंपनी ‘क्रिएटिव इंडि‍या’ नाम से रजिस्ट्रेशन करा लिया। फजलगंज की इंडस्ट्रियल एरिया में आज ये फैक्ट्री चल रही है।”
– ”कंपनी का सलाना टर्न ओवर करीब 2 करोड़ के पास पहुंच गया है।”

सिर्फ तीन हजार से की थी बिजनेस की शुरुआत

– प्रेरणा बताती हैं- उनके पास न तो कोई मोटी जमा पूंजी थी और न ही किसी अपने का साथ था। सिर्फ तीन हजार रूपए ही थे, जिससे उन्होंने बिजनेस करने की ठान ली थी।
– ”मुझे असफल होने का बिल्कुल भी डर नहीं था, काम में हार या जीत तो होती ही रहती है। घर से लेकर बाहर तक के लोगों को मेरे इस फैसले से एतराज था। लेकिन सब बातों का अनसुना किया।”
– ”इस बिजनेस से मैंने सिर्फ इतनी ही उम्मीद रखी थी कि मेरे जरूरत के खर्चे पूरे होते रहें।”

एक कमरे से शुरू हुआ था बिजनेस

– ”लेदर के फीते बनाने की शुरुआत एक कमरे और कुछ सामान के साथ हुई थी। आज ये ‘क्रिएटिव इंडिया’ फैक्ट्री तक पहुंच गया है। पचास से ज्यादा लोग इस फैक्ट्री में काम कर रहे हैं। फैक्ट्री के अंदर लेदर की डोरी, कॉटन की डोरी, लेदर बैग्स, लेदर हैंडीक्राफ्ट जैसी तमाम चीजें बनती हैं।”
– ”हमारे प्रोडक्ट की मांग 20 से 25 अलग-अलग देशों में होती है।”

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नेशनल लेवल पर मिल चुके हैं कई अवॉर्ड

– प्रेरणा के इस जज्बे को खूब सराहना मिली है। नेशनल लेवल पर इन्हें तीन और स्टेट लेवल पर एक अवॉर्ड मिल चुका हैं।
– 2010 में यूपी गवर्नमेंट की तरफ से तत्कालीन मिनिस्टर चन्द्रमोहन बाबू सिंह यादव के हाथों में लखनऊ में बेस्ट एक्सीलेंस अवॉर्ड मिला था।
– 2015 में दिल्ली में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट की तरफ से लेदर हैंडीक्राफ्ट के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवारके हाथों अवॉर्ड मिला।
– 2016 में नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल की तरफ से कलराज मिश्रा के हाथों दिल्ली में अवॉर्ड मिला।
– 2017 में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट की तरफ दिल्ली में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी के हाथों लेदर कटेगरी के लिए अवार्ड दिया गया।

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