ये है विधवाओं का गांव! शादी के तुरंत बाद मर जाता है पति

भारत में शादियों को काफी महत्व दिया जाता है. लोग अपने घर की बेटियों को काफी छानबीन कर दूसरे घर भेजते हैं. इस बात का ख़ास ध्यान रखा जाता है कि दूसरे घर में बेटी को किसी तरह की कोई तकलीफ ना हो. ऐसे में हम आपको राजस्थान के एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां शायद ही कोई मां-बाप अपनी बेटी की शादी करवाना चाहेगा. इस गांव में ब्याह कर आने वाली ज्यादातर महिलाएं कुछ महीने बाद ही विधवा हो जाती हैं.

राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित बुधपुरा गांव को विधवाओं का गांव भी कहा जाता है. जी हां, इस गांव में रहने वाली ज्यादातर महिलाएं विधवा हैं. चूंकि, शादी के कुछ ही समय बाद इनके पतियों की मौत हो जाती है, ऐसे में ज्यादातर के पास अपने छोटे से बच्चे को पलने की बड़ी जिम्मेदारी भी होती है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इनके पति की मौत कैसे हो जाती है? आइये आपको इस बात का जवाब बताएं.

ये है वजह
अगर आपको ऐसा लग रहा है कि इस गांव पर किसी का श्राप है या किसी रहस्यमई वजह से यहां के मर्दों की मौत हो जाती है तो आप गलत हैं. कई रिपोर्ट्स के बाद ये साफ़ हो चुका है कि यहां के मर्दों की मौत सिलिकोसिस नाम की बीमारी से होती है. दरअसल, इस गांव के ज्यादातर मर्द खदानों में काम करते हैं. इसके अंदर काम करने वालों को ये बीमारी हो जाती है. समय पर सही इलाज ना मिल पाने की वजह से इनकी मौत हो जाती है.

ऐसे करती हैं गुजारा
गांव की ज्यादातर विधवा महिलाओं को किसी तरह की कोई मदद नहीं मिलती. ऐसे में अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए ये भी उसी खदान में काम करने को मजबूर होती हैं. इन खदानों में कई-कई घंटे बलुआ पत्थरों को तोड़ने का काम किया जाता है. इन पत्थरों को तराशने के दौरान जो डस्ट निकलता है, वो मजदूरों के फेंफड़ों में संक्रमण कर देता है. अगर इलाज हो गया तो उनकी जान बच जाती है. वरना मौत तय है.

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