यह देश पुजारियों का नहीं बल्कि तपस्वियों का है:  राहुल गांधी

भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी अपने एक बयान को लेकर घिर गए हैं। उन्होंने रविवार को कहा था कि यह देश पुजारियों का नहीं बल्कि तपस्वियों का है। इस पर कई पुजारियों ने आपत्ति जताई है और आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपने बयान से उन लोगों का अपमान किया है, जो पूजा करने में जुटे हैं। राहुल गांधी ने हरियाणा में कहा था कि कांग्रेस तपस्या में भरोसा करती है, जबकि भाजपा पूजा में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा था कि भाजपा और आरएसएस वाले लोगों को मजबूर करते हैं कि वे उनकी पूजा करें। लेकिन भारत पूजारियों का नहीं बल्कि तपस्वियों का देश है। 

उनके इस बयान को लेकर युवा तीर्थ पुरोहित महासभा से जुड़े उज्ज्वल पंडित ने कहा कि राहुल गांधी ने भारत की सनातन परंपरा का अपमान किया है। इस परंपरा में पुजारियों की अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि इससे यह साफ हो गया है कि राहुल गांधी सिर्फ दिखावे के लिए तिलक लगाते हैं और जनेऊ धारण करते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बयान ब्राह्मणों का अपमान करने वाला है। स्वामी दीपांकर ने कहा कि राहुल गांधी ने मोहब्बत की दुकान खोलने की बात कही थी, लेकिन वह नफरत की बातें करने लगे हैं। 

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इस तरह की बात करने से पहले सोचना चाहिए था। एक तरफ वह लोगों को एकजुट करने की बात कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या राहुल गांधी के मुताबिक पुजारियों को समुद्र में फेंक देना चाहिए। दीपांकर ने कहा कि उन्होंने इतनी बड़ी यात्रा निकाली। लेकिन मैं हैरान हूं कि ऐसा बयान राहुल गांधी ने दिया है। 

गंगोत्री धाम के रजनीकांत सेमवाल ने कहा कि सनातन धर्म में पुजारियों की अहम भूमिका रही है। प्राचीन परंपरा को पुजारी ही आगे बढ़ाते रहे हैं। राहुल गांधी को इस परंपरा का अध्ययन करना चाहिए। यूपी में प्रयागराज समेत कई जगहों पर पुजारियों ने राहुल गांधी के खिलाफ प्रदर्शन भी किए हैं। वहीं बाबा बैद्यनाथ के धाम देवघर के पुजारियों ने कहा कि राहुल गांधी को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। 

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