यमन में हालात और भी ज्यादा बिगड़े, राष्ट्रपति महल तक सिमटी सरकार

यमन में हालात और ज्यादा बिगड़ गए हैं। विद्रोहियों ने दो दिनों की लड़ाई के बाद मंगलवार को दक्षिणी तटीय शहर अदन पर कब्जा कर लिया है। यह शहर सऊदी अरब और अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त राष्ट्रपति अब्दराब्बू मंसूर हादी सरकार की अंतरिम राजधानी है।

तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री अहमद बिन दाघर ने अरब देशों से अदन को बचाने की अपील की थी। अदन के लोगों ने बताया कि हाउती विद्रोहियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाने वाले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) समर्थित लड़ाकों और हादी के वफादार बलों के बीच लड़ाई चल रही है।

उन्होंने हादी की सरकार को राष्ट्रपति महल तक सीमित कर दिया है और उसे चारों ओर से घेर लिया है। व्रिदोही सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (एसटीसी) का पिछले साल गठन हुआ था। चश्मदीदों ने बताया कि इसके पहले एसटीसी के लड़ाकों ने राष्ट्रपति के बलों को मध्य अदन के क्रेटर और तवाही जिलों में परास्त किया। वे अभी उस पैलेस के बाहर जमे हैं, जहां से प्रधानमंत्री अहमद बिन दाघर सरकार चलाते हैं।

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रेडक्रास की एक अंतरराष्ट्रीय समिति ने बताया कि इस लड़ाई में 36 लोगों की जान जा चुकी है। एसटीसी ने भ्रष्टाचार और अनियमितता का आरोप लगाकर दाघर सरकार को रविवार तक बर्खास्त करने के लिए हादी को अल्टीमेटम दिया था। यह समय सीमा समाप्त होने के बाद यह लड़ाई शुरू हो गई थी।

ज्ञात हो कि ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों का राजधानी सना समेत उत्तरी यमन पर कब्जा है। वहीं दक्षिण में राष्ट्रपति हादी की सऊदी और अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त सरकार है। दक्षिणी तटीय शहर अदन इसकी अस्थायी राजधानी बनाई गई है।

गठबंधन ने की संघर्ष विराम की अपील-

सऊदी अरब की अगुआई वाली गठबंधन सेना में यूएई भी शामिल है। यह गठबंधन साल 2015 से यमन में हादी सरकार को बहाल करने के लिए ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों के खिलाफ हमले कर रहा है। उसी समय से हादी सऊदी में शरण लिए हुए हैं। सऊदी गठबंधन ने मंगलवार को बयान जारी कर दोनों पक्षों से संघर्ष विराम की अपील की। इसमें कहा गया है कि अदन में स्थिरता के लिए गठबंधन हर संभव उपाय करेगा।

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