हृदय के लिए चुनौतीपूर्ण रहा ये साल, हार्ट अटैक के बढ़े मामले

हृदय रोग वैश्विक स्तर पर गंभीर स्वास्थ्य समस्या रही है, लगभग सभी उम्र के लोगों में इसका जोखिम देखा जा रहा है। वैश्विक हेल्थ रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो पता चलता है कि पिछले दो-तीन दशकों में हृदय से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ा है, लेकिन कोरोना महामारी की शुरुआत से यह एक गंभीर समस्या बनकर उभरा है।

एक-दशक पहले तक हृदय रोगों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्याओं के तौर पर देखा जाता रहा था, हालांकि अब कम उम्र के लोगों- बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में इसका खतरा देखा जा रहा है। इतना ही नहीं साल-दर साल यह जानलेवा रोग नई-नई चुनौतियां भी बढ़ाते जा रहा है।

अब हम 2023 के समापन की तरफ बढ़ रहे हैं, ऐसे में जरूरी है कि इस साल हृदय रोगों और इसके कारण हुई समस्याओं पर एक नजर डाला जाए, जिससे सीख लेते हुए अगले साल और आने वाले वर्षों में हृदय को कैसे स्वस्थ रखा जा सकता है, इसपर गंभीरता से ध्यान दिया जा सके।

सभी उम्र के लोगों में देखी गई हृदय रोगों की समस्या

हृदय रोगों का जोखिम पूरे साल देखा गया। 20 साल से भी कम उम्र के लोगों की कहीं डीजे पर डांस करते, जिम में वर्कआउट के दौरान मौत के मामले रिपोर्ट किए गए। जिन लोगों को पहले से ही क्रोनिक हार्ट की समस्या रही है उनके लिए भी ये साल काफी चुनौतीपूर्ण रहा।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि कोरोना के कारण हुए हार्ट पर असर के अलावा लाइफस्टाइल-आहार में गड़बड़ी के कारण हृदय की समस्याओं का जोखिम अधिक बढ़ा। वहीं इस साल कई बच्चों में भी हार्ट की समस्याएं रिपोर्ट की गई, डॉक्टर्स का कहना है कि इनमें से ज्यादातर को जन्मजात हृदय से संबंधित दिक्कत थी।

स्वास्थ्यमंत्री ने किया सावधान

साल 2023 में बढ़ते हृदय रोगों और इसकी जटिलताओं के कारण मौत के मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया सभी लोगों को हृदय की देखभाल करते रहने की सलाह दी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, जो लोग कोरोना के गंभीर रोग के शिकार रह चुके हैं, उनको कठिन शारीरिक परिश्रम या व्यायाम से बचना चाहिए, इससे उनमें दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है। मंडाविया ने गुजरात में एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अध्ययन से पता चलता है कि गंभीर कोविड-19 संक्रमण से उबर चुके युवाओं में दिल के दौरे के मामले बढ़ रहे हैं।

आईसीएमआर ने अध्ययन में किया अलर्ट

आईसीएमआर के विशेषज्ञों ने एक अध्ययन में बताया कि कोविड-19 के बाद सडेन हार्ट अटैक के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। संक्रमण के दुष्प्रभावों के कारण कम उम्र के लोग भी इसके शिकार रहे हैं। कोविड के शिकार या जिन्हें संक्रमण नहीं भी हुआ उनमें भी इसका जोखिम देखा जा रहा है।

हार्ट अटैक के कारणों को जानने के लिए शोधकर्ताओं ने हार्ट अटैक से मरने वाले 100 से अधिक लोगों की जांच की। इसमें पाया गया कि इसमें ज्यादातर वे लोग थे, जो महामारी के दौरान संक्रमण की चपेट में आए थे। शवों की एमआरआई जांच में कोरोना के कारण हृदय-फेफड़ों की समस्याओं के बारे में भी पता चला।

कहीं गरबा करते कहीं शादियों में डांस करते हार्ट अटैक से मौत

साल 2023 की मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है इस साल हार्ट अटैक और कार्डियक के कई मामले शादियों में डांस करते समय, गरबा खेलते और उत्सवों के दौरान भी रिपोर्ट हुए।

इसी से संबंधित गुजरात सरकार की दिसंबर माह की रिपोर्ट से पता चलता है कि राज्य में पिछले छह महीनों के दौरान दिल का दौरा पड़ने से 1,052 लोगों की मौत हो गई है। उनमें से लगभग 80 प्रतिशत 11 से 25 वर्ष के आयु वर्ग के थे। राज्य शिक्षा मंत्री कुबरे डिंडोर ने बताया, ‘108 एम्बुलेंस सेवा को प्रति दिन 173 कार्डियक आपातकालीन कॉल प्राप्त होती हैं। अन्य राज्यों की भी इसी तरह की स्थिति रही है।

साल 2024 के लिए रहें अलर्ट

हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं, कार्डियक हेल्थ के मामले गंभीर खतरा बनकर उभर रहे हैं। साल 2024 में सभी लोगों को हृदय को स्वस्थ रखने को लेकर विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। हार्ट की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है इसलिए सावधानी बरतना सभी के लिए जरूरी है।

इसके लिए लाइफस्टाइल को ठीक रखना, स्वस्थ और पौष्टिक प्लांट बेस्ड डाइट का सेवन, ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस को कंट्रोल करने के उपाय करना बहुत आवश्यक है। साल में एक-दो बार स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर हार्ट की जांच जरूर कराएं।

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