सेंसेक्स के 70 हजार से 80,000 पहुंचने में चमके ये स्टॉक

 शेयर बाजार बुधवार को पहली बार 80 हजार के लेवल को क्रॉस कर गया। खास बात तो ये है कि 70 हजार से 80 हजार अंकों के लेवल तक तक पहुंचने में सेंसेक्स को करीब 139 दिन ही लगे। दिसंबर के मध्य में 70,000 से 80,000 के बीच आई 10,000 अंकों की उछाल इतिहास में सबसे कम समय में आने वाली तेज उछाल बन गई। जहां एक ओर सेंसेक्स रफ्तार के घोड़े पर सवार था। वहीं कुछ शेयर ऐसे भी थे जो इस रफ्तार का फायदा उठाकर रॉकेट बने हुए थे, जिन्होंने सेंसेक्स की तेजी के आसरे अपना बेड़ापार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रिलायंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक ने 3,940.6 अंकों का योगदान दिया।

आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सेंसेक्स की रिकॉर्ड रफ्तार के बीच किन शेयरों में सबसे ज्यादा इजाफा देखने को मिला?

बाजार में तेजी के पीछे रिलायंस इंडस्ट्रीज का बड़ा योगदान

30 में से पांच शेयरों ने आधे से अधिक या 5,646 अंकों का योगदान दिया। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज ने  1,927 अंक जोड़कर सबसे अधिक योगदान किया। राजस्व और मार्केट कैप के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी ने 11 दिसंबर, 2023 से 26.3% की बढ़त हासिल की, जब सेंसेक्स ने पहली बार 70,000 को छुआ था।

इसके बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा का स्थान रहा, जिसने 1,050 अंकों का योगदान दिया। आईसीआईसीआई बैंक 963.5 अंकों के योगदान के साथ तीसरे स्थान पर रहा। चौथे स्थान पर भारती एयरटेल 936.3 अंकों के साथ और एसबीआई 769.1 अंकों के योगदान के साथ पांचवें स्थान पर रहा।

10 हजार से 20,000 का सफर, 463 दिनों में 

बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि सेंसेक्स ने पहली बार फरवरी 2006 में 10,000 का मील का पत्थर छुआ था और 20,000 के स्तर तक पहुंचने में 463 दिन लगे थे। इसके बाद अगले 10,000 अंकों की वृद्धि 2,318 दिनों के बाद अप्रैल 2017 में हुई थी।

इसके बाद सेंसेक्स को 30,000 से 40,000 तक पहुंचने में 520 दिन लगे और 416 दिनों के बाद 50,000 के मील के पत्थर तक पहुंचा। सूचकांक मात्र 158 दिनों में 60,000 पर पहुंच गया, जो इसका दूसरा सबसे तेज माइल स्टोन बना, जबकि अगले 10,000 अंकों की वृद्धि 548 दिनों के बाद हुई।

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