पहाड़ों में चल रहे इन होटल व होमस्टे की आई शामत, पर्यटन विभाग कसेगा नकेल
जिले में विस्तारित हो रहे पर्यटन कारोबार के बीच बिना पंजीकरण होटल और होमस्टे संचालन से चांदी काट रहे कारोबारियों की मनमर्जी पर अब पर्यटन विभाग नकेल कसने जा रहा है। जिला प्रशासन के निर्देशों पर पर्यटन विभाग जिलेभर में संचालित पर्यटन इकाइयों का सर्वे करेगा और बिना पंजीकरण संचालित हो रहे होटल और होमस्टे की सूची तैयार करेगा।
इनको विभागीय नोटिस के बाद पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। नोटिस के बाद भी पंजीकरण नहीं पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने पर्यटन विभाग को सर्वे पूरा कर इसी पर्यटन सीजन तक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि जिले में तेजी से फैल रहे पर्यटन कारोबार के साथ ही होटलों और होमस्टे की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है।
शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी होटल और होमस्टे का विस्तार हो रहा है। जिसके लिए पर्यटन विभाग से होमस्टे और अन्य पर्यटन स्वरोजगार योजनाएं भी संचालित की जा रही है। मगर जिलेभर में संचालित होमस्टे और होटलों में से दस से बीस फीसदी इकाइयां ही पर्यटन विभाग में पंजीकृत है।
वर्तमान में जिलेभर में 900 होमस्टे और 927 होटल ही पर्यटन विभाग में पंजीकृत है। जिससे सरकार को राजस्व की हानि होने के साथ ही आपराधिक गतिविधियों की आशंका बनी हुई है। जिसकी रोकथाम को जिला प्रशासन के निर्देशों पर अब पर्यटन विभाग होटल और होमस्टे का पंजीकरण अभियान चलाएगा।
पहले चरण में आनलाइन बुकिंग कराने वाली इकाइयों की बनेगी सूची
जिले में अवैध रूप से संचालित होमस्टे और होटलों को चिह्नित करना चुनौती भरा काम है। इसके लिए विभागीय टीम को हर भवन में जाकर जांच करनी होगी। इसे देखते हुए पहले चरण में आनलाइन डाटा से ऐसी इकाइयों की सूची तैयार की जाएगी।
डीएम ने बताया कि पहले चरण में पर्यटन विभाग इंटरनेट मीडिया और आनलाइन साइट के माध्यम से बुकिंग कराने वाले होटलों और होमस्टे की सूची तैयार करेगा, जिसमें से गैर पंजीकृत इकाइयों को चिह्नित किया जाएगा। फिर विभाग इन गैर पंजीकृत होटल और होमस्टे संचालकों को पंजीकरण के लिए नोटिस जारी करेगा। इस पर्यटन सीजन तक कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।
सरकार को मिलेगा राजस्व, विभाग के पास होंगे स्पष्ट आंकड़े
जिले में पर्यटन कारोबार तेजी से विस्तार ले रहा है। मगर कई होटल और होमस्टे पंजीकृत नहीं होने से पर्यटकों का स्पष्ट आंकड़ा विभाग के पास नहीं होता, जिससे भविष्य में पर्यटन अवस्थापनाओं के विकास और अन्य योजनाओं को धरातल पर उतारने समेत भावी आवश्यकताओं का सटीक पता नहीं लग पाता। बिना पंजीकरण व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन से सरकार को पंजीकरण शुल्क, जीएसटी समेत अन्य माध्यमों से होने वाली आय प्राप्त नहीं होने से राजस्व हानि हो रही है।
बिना पंजीकरण होटल और होमस्टे की रोकथाम के लिए पर्यटन विभाग को सर्वे करने के निर्देश दिए गए है। पहले चरण में आनलाइन साइट से बुकिंग कराने वाले होमस्टे और होटलों की सूची तैयार की जाएगी। जिनको विभाग की ओर से नोटिस जारी कर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। – वंदना सिंह, डीएम
होमस्टे और होटलों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। इनका विभाग में पंजीकृत होमस्टे और होटलों से मिलान किया जाएगा। गैर पंजीकृत होटल और होमस्टे संचालकों को नोटिस जारी करने के बाद भी पंजीकरण नहीं किया तो कार्रवाई की जाएगी। – अतुल भंडारी, जिला पर्यटन अधिकारी