इन वजहों से होती है बच्चों में सेरिब्रल पाल्सी की समस्या
सेरिब्रल पाल्सी बच्चों में होने वाली एक आम बीमारी है जो उनके मूवमेंट और पोश्चर को प्रभावित करती है। यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है दिमाग के किसी हिस्से के विकास में कमी के कारण होती है। यह एक लाइलाज बीमारी है जिसे दवाओं और कुछ थेरेपी की मदद से मैनेज किया जाता है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में सभी जरूरी जानकारी।
सेरिब्रल पाल्सी (cerebral palsy) बच्चों में होने वाली सबसे आम मोटर डिसएबिलिटी है। यह एक जटिल न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें ब्रेन के किसी हिस्से में विकास की कमी या असामान्य विकास होने के कारण सेरिब्रल पाल्सी की समस्या उत्पन्न होती है। बच्चे के मूवमेंट और पोश्चर के सही विकास से संबंधित समस्याओं और डिसऑर्डर के एक ग्रुप को सेरिब्रल पाल्सी कह सकते हैं।
सेरिब्रल पाल्सी के कारण
ये शारीरिक गतिविधियों को सीमित करते हैं और मांसपेशियों में अपर्याप्त विकास की समस्या पैदा करते हैं। बच्चों में सेरिब्रल पाल्सी कई कारणों से हो सकता है, जैसे-
जन्म के दौरान या उसके पहले ही ब्रेन डैमेज
जन्म के दौरान ऑक्सीजन की कमी
प्रेग्नेंसी में दौरान इन्फेक्शन
बचपन में सिर पर चोट या किसी प्रकार का इन्फेक्शन होना
सेरिब्रल पाल्सी का इलाज
बच्चों में इसके इलाज के लिए कई प्रकार की थेरेपी और पीडियाट्रिक सर्विस दी जाती हैं, जिसमें निम्न शामिल हैं-
फिजिकल थेरेपी- बच्चे की मांसपेशियों में ताकत बढ़ाने के लिए फिजिकल थेरेपी करते हैं। सेरिब्रल पाल्सी के जरूरतों के अनुसार उसकी थेरेपी बच्चे के लिए डिजाइन की जाती है।
ऑक्यूपेशनल थेरेपी- मांसपेशियों और जोड़ों के समन्वय स्थापित करने के लिए ये थेरेपी की जाती है, जिससे बच्चा रोज की गतिविधियां और दिनचर्या जैसे ब्रश करना, खाना, नहाना आदि सही ढंग से कर सके।
स्पीच थेरेपी- सेरिब्रल पाल्सी से पीड़ित कुछ बच्चे अपने चेहरे, गर्दन और सिर की मांसपेशियों को कंट्रोल करने में दिक्कत होती है। इससे बोलने में, चबाने में और निगलने में समस्या होती है। ऐसे में इस थेरेपी में बोलने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं, जिससे ओरल मोटर स्किल डेवलप हो और भाषा और बोलने पर उनकी पकड़ मजबूत हो।
इसके अलावा लक्षणों को ठीक करने के लिए दवाइयां दी जाती हैं और साथ ही सर्जरी या स्टेम सेल ट्रीटमेंट का सहारा भी लिया जाता है। यहां ये समझना जरूरी है कि सेरिब्रल पाल्सी का 100% इलाज होना संभव नहीं है और ये जिंदगी भर साथ रहता है, लेकिन अच्छी बात ये है कि ये कोई प्रोग्रेसिव बीमारी नहीं है, जो प्रतिदिन बढ़ते जाएगी। सही थेरेपी की मदद से इसके लक्षणों से राहत मिल सकती है।