आम बजट पेश करने में शामिल होते हैं ये 8 दस्तावेज, जानिए क्या होता है इनमें खास

संसद में 1 फरवरी को साल 2018-19 का आम बजट पेश किया जाएगा। इस बजट के लोकलुभावन होने के पूरे आसार हैं क्योंकि यह मोदी सरकार का आखिरी बजट है। आम लोगों को सरकार और वित्तमंत्री अरुण जेटली से बहुत सी उम्मीदे हैं। बजट क्या और कैसा होगा इसका पता तो 1 फरवरी को चल जाएगा लेकिन आज हम आपको बजट से जुड़े 8 दस्तावेजों के बारे में बताते हैं। जिनका प्रयोग बजट में किया जाता है।

आम बजट पेश करने में शामिल होते हैं ये 8 दस्तावेज, जानिए क्या होता है इनमें खासवार्षिक वित्तीय विवरण- संसद के दोनों सदनों के सामने भारत सरकार एक वित्त वर्ष की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण पेश करेगी। इसी को वार्षिक वित्तीय विवरण कहा जाता है जिसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 112 में मिलता है।

डिमांड ऑन ग्रांट- इसमें जमाधन से निकाले जाने वाले खर्चों के अनुमान दर्ज होते हैं। यह एक तरह का फार्म होता है जिसका उल्लेख अनुच्छेद 113 में मिलता है। इसपर लोकसभा में मतदान जरूरी होता है।

विनियोग विधेयक- लोकसभा से मंजूर हुईं व्यय मांगों और जमाधन में से किए गए खर्चों को इकट्ठा करके एक विधेयक बनाया जाता है। इसे ही विनियोग विधेयक कहा जाता है जिसे लोकसभा में पेश किया जाता है।

फाइनेंस बिल- इसमें केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नए बिलों का विवरण होता है। इसमें मौजूदा करों में किए गए संशोधन भी शामिल होते हैं।

वित्त विधेयक प्रावधान ज्ञापन- यह वित्त विधेयक के अंतर्गत आने वाली पूंजी को समझाने की व्याख्या करने वाला एक दस्तावेज होता है।

एक्सपेंडीचर बजट वॉल्यूम-1- एक्सपेंडीचर बजट वॉल्यूम के अंतर्गत राजस्व और मूल राशि शामिल होती है। जिसमें जारी योजना और गैर-योजना वाली अनुमानों का एक विश्लेषण होता है।

एक्सपेंडीचर बजट वॉल्यूम-2- इसमें व्यय अनुदान मांगो के अंदर प्रस्तावित अंतर्निहित उद्देश्य को समझाने का एक दस्तावेज होता है। इसमें विभिन्न कार्यक्रमों में व्यय की गई राशि का एक छोटा सा विवरण और संशोधित अनुमानों के बीच का अंतर शामिल होता है।

रिसिप्ट्स बजट- वार्षिक वित्त विवरण में शामिल प्राप्तियों के अनुमान को फिर से रिसिप्ट्स बजट में समझाने और विश्लेषित किया जाता है। इसमें राजस्व औऱ पूंजीगत प्राप्तियों का पूरा ब्यौरा भी शामिल किया जाता है।

 
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