रोज ले ये 3 बड़े फैसले, यकीन मानिए सफल होने से नही रोक पाएगा कोई

अमेजन इंडिया के सपनों की अपनी दुकान, इस विज्ञापन से आप वाकिफ़ होंगे। और अगर आपने यह विज्ञापन देखा है तो आपने फिर कभी ना कभी इस से शॉपिंग भी की होगी। आज इस नाम से कोई भी अंजान नहीं है। 20 साल पहले शुरू हुई यह कंपनी आज एप्पल के बाद दुनिया की दूसरी 72 लाख करोड़ रुपये मार्केट कैप वाली कंपनी बन गई है। ‘यदि आप कभी भी किसी भले काम की अलोचना नहीं झेलना चाहते तो आप कभी भी कुछ नया मत किजिये, यदि आप जिद्दी नहीं हैं तो प्रयोगों को करते करते जल्दी ही हार मान लेंगे’। ये शब्द हैं अमेजन के फाउंडर और ऑनर जेफ़ बेजोस के। अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस पहली बार सार्वजनिक मंच पर आए थे और जब उनसे उनकी सक्सेस का मंत्र पूछा गया तब उन्होंने अपनी सफलता के पीछे के मंत्र से पर्दा हटाया।

जेफ़ बेजोस ने अपनी सफलता के मंत्र के बारे में बताते हुए कहा कि 8 घंटे की नींद, 10 बजे पहली मीटिंग और दिन में सिर्फ 3 बड़े फैसले उनकी सफलता के मंत्र हैं। बेजोस वॉशिंगटन के इकोनॉमिक क्लब के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। उन्होंने बताया कि बतौर सीनियर एक्जीक्यूटिव किसी को भी बहुत सारे फैसले लेने के लिए सैलरी नहीं दी जाती, उनको हाई क्वालिटी वाले फैसले लेने होते हैं। बेजोस कहते हैं कि रात की अच्छी नींद के साथ ही मेरे दिन की शुरुआत होती है। मेरा मानना है कि अच्छी नींद लेने से ही आपके अगले दिन की अच्छी शुरुआत होती है, आप अच्छे से सोच पाते हैं और दिन में भी ऊर्जा बनी रहती है। सुबह की शुरुआत में एक कप कॉफी के साथ करता हूं। कॉफी पीते – पीते ही मैं अखबार पढ़ता हूं, बच्चों के स्कूल जाने से पहले मैं उनके साथ नाश्ता करता हूं,ये मेरे लिए एक नियम है।

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ऑफिस के बारे में बात करते हुए बेजोस कहते हैं ऑफिस पहुंच कर 10 बजे मैं पहली मीटिंग करता हूं। दिनभर की सबसे कठिन मीटिंग को ही मैं सुबह 10 बजे रखता हूं। कोशिश करता हूं कि लंच तक इस मीटिंग से जुड़े फैसले फाइनल कर दूं। यदि लंच तक इस मीटिंग से जुड़े फैसले नहीं ले पाता हूं तो उस मीटिंग को अगले दिन सुबह 10 बजे के लिए रीशिड्यूल कर देता हूं। लंच के बाद दूसरे जरूरी काम शुरू कर देता हूं, शाम 05 बजे के बाद कोई बड़ा काम नहीं करता। मेरे फैसले लेने का तरीका बड़ा आसान है। अच्छे फैसले हिम्मत और दिल से लिए जाते हैं ऐनालिसिस से नहीं। जिंदगी और बिजनेस में मैंने हर काम की शुरुआत छोटे कदम से की और इस तरह के फैसले लिए। शुरु में जब मैं खुद पैकेज पहुंचाने पोस्टऑफिस जाता था तो सोचता था कि एक दिन हमारे पास भी ऑफिस होगा। और आज आप अमेजन को देख सकते हैं।

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