वाराणसी दौरे पर 10 जिलों के किसानों से पीएम मोदी होंगे रूबरू

पीएम मोदी के वाराणसी दौरे को लेकर जिला प्रशासन को ओर से तैयारियां शुरू हो गई हैं। पीएम अपने वाराणसी दौरे के दौरान काशी वासियों को छह हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार करखियांव मेंं पूर्वांचल के 10 जिलों के एक लाख किसानों से रूबरू होंगे। पिंडरा क्षेत्र के करखियांव में प्रस्तावित जनसभा में वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर और चंदौली के तकरीबन 50 हजार भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल होंगे। इस बार पीएम काशी दौरे में लगभग छह हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का काशी दौरा 21 से 24 फरवरी के बीच प्रस्तावित है। इसके मद्देनजर प्रशासनिक अमला तैयारियों में जुटा हुआ है। प्रशासनिक अफसरों के अनुसार प्रधानमंत्री करखियांव में अमूल डेयरी प्लांट का लोकार्पण करेंगे। उससे जुड़े पूर्वांचल के 10 जिलों के किसानों को बोनस वितरित करेंगे। साथ ही, अमूल डेयरी प्लांट के समीप लगभग एक हजार करोड़ रुपये की परियोजना भेल के हाइड्रोजन प्लांट और वंदे भारत ट्रेन के पार्ट्स निर्माण यूनिट का शिलान्यास करेंगे। पीएम तकरीबन 30 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री संत शिरोमणि गुरु रविदास की जयंती पर उनकी जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर भी जाएंगे और खेल स्पर्धा के विजेताओं को सम्मानित भी करेंगे।

भेल में बनेंगे वंदेभारत के पार्ट्स, लोहता साइड में होगी मरम्मत
करखियांव में खुलने वाले भारत हैवी इलेक्टि्कल्स लिमिटेड (भेल) की यूनिट में वंदे भारत एक्सप्रेस के पार्ट्स भी बनेंगे। यूनिट खोलने की तैयारियां चल रही हैं। यहां से पार्ट्स अन्य शहरों में भी जाएंगे। फिलहाल वंदे भारत एक्सप्रेस का निर्माण चेन्नई की इंट्रीग्रेटेड कोच फैक्ट्री में होता है। साथ ही, लोहता साइड न्यू वाशिंग पिट की ओर वंदे भारत की मरम्मत होगी। फिलहाल नई दिल्ली समेत अन्य शहरों में रैक का मरम्मत आदि कार्य होता है।

उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के अधिकारियों ने वंदे भारत एक्सप्रेस के रैक की मरम्मत आदि को लेकर स्थान चिह्नित कर लिया है। पिछले दिनों वाराणसी दौरे पर पहुंचे मंडल रेल प्रबंधक एसएम शर्मा ने भी अलग से अधिकारियों संग बैठक करते हुए वंदे भारत के मरम्मत केंद्र को जल्द शुरू करने आदि पर जोर दिया था। रेल अधिकारियों के अनुसार वंदे भारत एक्सप्रेस का मेंटेनेंस वाराणसी में ही होगा। रेलवे इसे निजी कंपनी के हाथों में सौंप सकती है।

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