फिर होगा ट्रंप और बाइडन का आमना-सामना, जून और सितंबर में होगी जबरदस्त बहस

इस साल 5 नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होना है। साल 2020 की तरह इस बार भी मुकाबला पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और जो बाइडन के बीच है। इस समय दोनों नेता देशभर में चुनावी रैली कर रहे हैं। चुनाव से पहले दोनों नेताओं के बीच डिबेट होने वाली है।

यह बहस (डिबेट) जून में आयोजित होने वाली है। ट्रंप और बाइडन दोनों नेताओं ने बहस का निमंत्रण स्वीकार किया है। पहली बहस 27 जून को सीएनएन और दूसरी बहस 10 सितंबर को एबीसी न्यूज की तरफ से आयोजित की गई है।

दो बार होंगी बहस
अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोशल मीाडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा,””मुझे 27 जून को बहस के लिए सीएनएन की तरफ से निमंत्रण मिला। मैंने इसे स्वीकार कर लिया। अब ये आपके ऊपर है डोनाल्ड ट्रंप। जैसा कि आपने कहा, कभी भी, कहीं भी।”

दोनों नेताओं ने स्वीकार किया बहस का निमंत्रण
वहीं, उन्होंने एक दूसरे पोस्ट में लिखा, “मैंने एबीसी न्यूज के निमंत्रण को भी स्वीकार कर लिया है। बहस 10 सितंबर को आयोजित की जाएगी। ट्रंप का कहना है कि वह अपने परिवहन की व्यवस्था खुद करेंगे। मैं भी अपना विमान लाऊंगा। मैं इसे अगले चार वर्षों तक रखने की योजना बना रहा हूं।”

वहीं, डॉनल्ड ट्रंप ने भी बहस के लिए निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। ट्रंप ने जो बाइडन को अमेरिकी इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर डॉनल्ड ट्र्म्प ने पोस्ट करते हुए लिखा, मैं सीएनएन और एबीसी न्यूज द्वारा आयोजित बहस कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार करता हूं।

ट्रंप ने स्वीकार की बाइडन की चुनौती
इससे पहले बुधवार को बाइडन ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्रम्प को बहस के लिए चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था, “डोनाल्ड ट्रम्प 2020 में मुझसे दो बहस हार गए। तब से वह बहस के लिए नहीं आए। अब वह ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे वह मुझसे फिर से बहस करना चाहते हैं। तो ठीक है मैं दो उनसे बार बहस करूंगा।”

बाइडन के इस बात पर ट्रम्प ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,” मैं जो बाइडन के साथ दो बार से ज्यादा बहस करना चाहता हूं। बहस की जगह बड़ी होनी चाहिए जहां ज्यादा लोग आ सकें।

दोनों नेताओं की क्या है परेशानी?
बता दें कि इस समय विदेश नीति समेत कई घरेलू मुद्दों को लेकर अमेरिकी जनता जो बाइडन की आलोचना कर रही है। खासकर रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध में बाइडन प्रशासन की भूमिका पर कई अमेरिकी लोगों ने चिंता जाहिर की है। वहीं, ट्रंप कई आपराधिक मामलों में घिरे हैं।

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