कड़ाके की ठंड से जम्मू में युवक की मौत!

राजधानी जम्मू के परेड ग्राउंड में बुधवार रात खुले में पड़ा रहने से करीब 28 साल के युवक की मौत हो गई। उसकी पहचान नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि वह कागज बीनता था।
जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की ठंड जानलेवा हो रही है। राजधानी जम्मू के परेड ग्राउंड में बुधवार रात खुले में पड़ा रहने से करीब 28 साल के युवक की मौत हो गई। उसकी पहचान नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि वह कागज बीनता था। पुलिस ने शव जीएमसी जम्मू के शवगृह में रखवा दिया है। उधर, कश्मीर में शीतलहर से जनजीवन प्रभावित है। घाटी के लगभग जिलों में रात का पारा सामान्य से 3 से 5 डिग्री नीचे चल रहा है। पारे में भारी गिरावट से खुले में अधिकांश जलाशयों पर बर्फ की परत जम गई है।
बुधवार रात विश्व विख्यात गुलमर्ग से अधिक ठंडा श्रीनगर रहा। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 7.0 और गुलमर्ग में माइनस 6.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पहलगाम में रात का पारा माइनस 8.6 डिग्री रहा। घाटी के कोनीबाल में सबसे अधिक माइनस 9.0 डिग्री न्यूनतम तापमान रहा। जम्मू में न्यूनतम तापमान 6.6, भद्रवाह में माइनस 1.1 डिग्री रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार 27-28 जनवरी को जम्मू के कुछ मैदानी इलाकों में बारिश के साथ चिनाब वैली और पीरपंजाल रेंज पर बर्फबारी हो सकती है। नए साल पर 1 से 5 जनवरी को भी कुछ हिस्सों में बर्फबारी के आसार हैं। सर्द हवाओं से कोई राहत नहीं मिलेगी। पर्यटकों, यात्रियों और ट्रांसपोर्टरों को प्रशासन/यातायात विभाग की एडवाइजरी के तहत सफर करने की सलाह दी गई है।
कश्मीर में कड़ाके की सर्दी वाला 40 दिन का चिल्ले कलां जारी है। अगले 30 जनवरी तक शीतलहर से राहत नहीं मिलेगी। 40 दिन के बाद 20 दिन का चिल्ले खुर्द और 10 दिन का चिल्ल बच्चा होता है।
जमी डल झील पर क्रिकेट खेल रहे बच्चे
कड़ाके की ठंड के बीच श्रीनगर में जमी विश्व विख्यात डल झील पर बच्चे क्रिकेट खेलते नजर आ रहे हैं। डल झील सहित कई जलाशयों की सतह पर एक परत जम गई है। डल के अंदरूनी हिस्सों में जहां पानी स्थिर हैं वहां मोटी परत जम गई है। इस बीच उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर के हरीतार गांव में भी एक तालाब के जमे हुए पानी पर बच्चों के क्रिकेट खेलने का वीडियो वायरल हो रहा है।
इससे पहले जनवरी 2021 में माइनस 8.4 डिग्री तापमान रहा था, जब डल झील के बाहरी क्षेत्र में कुछ बच्चों ने क्रिकेट खेला था। इसके बाद प्रशासन ने एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की थी, ताकि कोई हादसा न हो।