योगी आदित्यनाथ सरकार देश की सबसे बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में से एक गंगा एक्सप्रेसवे को शुरू करने की कोशिश में

प्रयागराज में जनवरी 2025 में होने वाले अगले महाकुंभ मेले के साथ यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार देश की सबसे बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में से एक गंगा एक्सप्रेसवे को शुरू करने की कोशिश में है। यूपी सरकार 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे को डेडलाइन से सालभर पहले शुरू करना चाहती है। ताकि जनता को कुंभ से पहले झांकी दिखाई जाए। सूत्रों का कहना है कि परियोजना पर काम कर रहीं अडानी एंटरप्राइजेज और आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स को काम जल्दी पूरा करने के लिए साप्ताहिक आधार पर फाइनेंशियल इंसेंटिव भी दिया जाएगा।

यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार 2025 के महाकुंभ मेले को भव्य आयोजन के रूप में मनाने की व्यापक तैयारी कर रही है। इसके लिए यूपी सरकार के लिए 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे काफी अहम है। मेरठ से प्रयागराज तक राज्य के 12 जिलों में फैले इस एक्सप्रेसवे को पीपीपी मॉडल पर 36,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया जा रहा है। सरकार चाहती है कि गंगा एक्सप्रेसवे को डेडलाइन से पहले तैयार किया जाए। सरकार कुंभ का आयोजन शुरू होने से पहले गंगा एक्सप्रेसवे को चालू करना चाहती है।

परियोजना के पूरा होने की समय सीमा दिसंबर 2025 है, लेकिन सरकार चाहती है कि यह डेडलाइन से एक साल पहले ही शुरू किया जाए। इस महत्वपूर्ण परियोजना का ठेका डेवलपर्स – अडानी एंटरप्राइजेज और आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स के पास है। सरकार ने फाइनेंशियल इंसेंटिव के साथ परियोजना को 2024 के अंत तक पूरा करने के लिए कहा है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नरेंद्र भूषण का कहना है  “परियोजना में तीन साल लगने हैं, लेकिन हमने बिल्डरों से कुंभ मेले को ध्यान में रखते हुए इसे समय से पहले पूरा करने का अनुरोध किया है।”

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