तैयार हो गया दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट, अब मंगल ग्रह पर इंसान को लेकर जाएगा

दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट बनकर तैयार हो गया है। NASA ने रॉकेट स्पेस लॉन्च सिस्टम बनाकर तैयार किया है। इस रॉकेट के इंजन आरएस-25 का टेस्ट सफल रहा है। इसी के साथ रॉकेट ने भी आकार ले लिया है। अब सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल इसे इंसानों को स्पेस में ले जाने वाले ओरियन स्पेसक्रॉफ्ट के साथ पहले मिशन पर भेजा जाएगा। हालांकि इस मिशन में पहले मानव नहीं भेजे जाएंगे। इस एक साल के दौरान वैज्ञानिक रॉकेट का वजन और लागत कम करने के लिए इसमें 3 डी प्रिंटेड पार्ट लगाएंगे। नासा की योजना इसी रॉकेट से 2030 तक मंगल पर इंसानों को भेजने की है।

तैयार हो गया दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट, अब मंगल ग्रह पर इंसान को लेकर जाएगा

 

 

आएएस-25 इंजन वाले इस रॉकेट का इस्तेमाल 2023 में लॉन्च हुए नासा के एस्टेरॉयड मिशन में भी किया जाएगा। आरएस-25 में करीब 380 करोड़ रुपए लगे हैं। नासा का दावा है कि भविष्य में लागत में 33% की कमी लाएगी।

 

भारी वजन ले जाने में सक्षम : यह रॉकेट 77 टन भार के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। आमतौर पर नासा के रॉकेट 50 टन वजन ले जाने में सक्षम होते हैं। भारत का जीएसएलवी-19 भी 40 टन वजन ले जाने में ही सक्षम है। आरएस-25 का वजन करीब 4 टन, लंबाई 14 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर है। इस रॉकेट इंजन का तापमान अलग-अलग परिस्थितियों में -423 से 6000 डिग्री फारेनहाइट के बीच हो सकता है 

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इस रॉकेट के इंजन में हाइड्रोजन फ्यूल टैंक लगाया गया है। ये टैंक 130 फीट लंबा है, जिसकी क्षमता 5 लाख 37 हजार गैलन ठंडा लिक्विड हाइड्रोजन स्टोर करने की है। रॉकेट के तीन स्टेज होते हैं। लिक्विड हाइड्रोजन टैंक और ऑक्सीजन टैंक फर्स्ट स्टेज का हिस्सा हैं, जो रॉकेट को तेजी से आगे धकेलता है। हाइड्रोजन टैंक में मौजूद लिक्विड हाइड्रोजन का काम चार शक्तिशाली आरएस-25 इंजनों के लिए जरूरी ईंधन उपलब्ध कराने का होता है। 

 

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