भारत का संयुक्त राष्ट्र में करारा जवाब, पाकिस्तान को कहा आतंक की दुनिया!

संयुक्त राष्ट्र के उपनिवेशवाद पर संयुक्त महासभा की चर्चा में भारत के काउंसलर एल्डोस मैथ्यू पुन्नूज ने जम्मू-कश्मीर को लेकर निराधार आरोपों पर पाकिस्तान के खिलाफ जवाब देने के भारत के अधिकार का जोरदार तरीके से इस्तेमाल किया।

दागदार लोकतांत्रिक रिकॉर्ड वाला पाकिस्तान

उन्होंने कहा कि भारत विविधता और लोकतंत्र का प्रतीक है जबकि पाकिस्तान आतंकवाद और उत्पीड़न की दुनिया है। उन्होंने पाकिस्तान के आंतरिक हालात पर आईना दिखाते हुए कहा कि दुनिया को मालूम है कि पाकिस्तान में दिन-रात क्या चल रहा है। दागदार लोकतांत्रिक रिकॉर्ड वाले पाकिस्तान को लगता है कि नकली चुनाव, बंदी विपक्ष और राजनीतिक आवाजों के दमन से ही लोकतंत्र चलता है।

पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के काउंसलर एल्डोस मैथ्यू पुन्नूज ने कहा कि भारत यह स्पष्ट करना चाहता है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा से उसका अभिन्न अंग रहे थे, हैं और रहेंगे।

मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं करे पाकिस्तान

उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को अपने कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जारी मानवाधिकार हनन रोकने की जरूरत है। भारत के आंतरिक मामलों में पाकिस्तान को जवाब देने का कोई आधार नहीं है। मौजूदा हालात में हम पाकिस्तान को यह सलाह भी देते हैं कि वह अपने कब्जे वाले गुलाम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (पीओजेके) में जारी मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं करें।

पुन्नूज ने कहा कि पाकिस्तान की सतत सरकारी नीति अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बतौर हथियार इस्तेमाल करने की रही है। पाकिस्तान भारत पर लगातार आतंकी हमले कराता रहा है। ऐसे हमलों की सूची बहुत लंबी है। उन्होंने हमारी संसद तक को निशाना बनाया है। उन्होंने उपनिवेशवाद के खिलाफ भारत के वैश्विक संघर्ष का भी जिक्र किया।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में खूब सुनाई थी खरी खोटी

इससे पहले भी भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में खूब खरी खोटी सुनाई थी। दरअसल, पाक पीएम शहबाज शरीफ ने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था, जिसके जवाब में भारत ने कड़ी फटकार लगाई। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की आम सभा में शहबाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर का रोना रोने के साथ भारत के चुनौती बताई थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि दुनिया भर में आतंकवादी घटनाओं पर उसके “अंगुलियों के निशान” हैं और पाक को यह समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के उसे परिणाम भुगतने होंगे।

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