कर्मचारियों को दोबारा वक्त बताएगा वॉच टावर

सिंचाई विभाग की उद्योगशाला में अंग्रेजी हुकूमत के काल में बनाया गया वाच टावर एक बार फिर से कर्मचारियों को वक्त बताएगा। 150 से भी पुरानी घड़ियां वाच टावर को ठीक कराने की तैयारी चल रही है। अगले माह वाच टावर वक्त बताने के लिए तैयार हो जाएगा। उद्योगशाला के दफ्तर में राष्ट्रीय धरोहर के तौर पर मशीनें, सुरंग और अन्य चीजें मौजूद हैं।

इस दफ्तर में 1852 में वॉच टावर बनाया गया था, ताकि कर्मचारियों को वक्त की जानकारी मिलती रहे लेकिन करीब तीन साल पूर्व वाच टावर में खराबी आने से वह बंद हो गया था। अब दोबारा कर्मचारियों को वॉच टावर वक्त बताएगा। वाच टावर में चार घड़ियां उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम दिशा में लगी हैं जबकि पांचवी घड़ी क्लॉक टावर के अंदर लगी है।

सभी मैनुअल तरीके से चलती हैं। इनमें एक बार चाबी भरने के बाद वह छह दिन तक चलती हैं। अधिशासी अभियंता शिशिर गुप्ता ने बताया कि राजकीय उद्योगशाला अंग्रेजी हुकूमत के वक्त का दफ्तर है। यहां राष्ट्रीय धरोहर की कई साजो-सामान मौजूद है।

डिजिटल हो सकता है वाच टावर
अंग्रेजी हुकूमत के वक्त में बनाया गया वाच टावर फिलहाल चाबी भरने पर चलता है। इसमें एक बार चाबी भरकर यह छह दिन तक चलती है। हर घंटे के हिसाब से अलार्म भी बजता है। आने वाले समय में इसको डिजिटल किया जा सकता है। इसके लिए अधिशासी अभियंता ने करीब 3.50 लाख के खर्चे का लेखा-जोखा विभाग को भेजा है। आने वाले समय में यह टावर डिजिटल हो सकता है।

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