गोवा में वेटर था ये क्रिकेटर, फिर ऐसे बदल गई किस्मत

 इंदौर में खेले गये एक रणजी मुकाबले में राजस्थान के क्रिकेटर कुलवंत खेजरोलिया दिल्ली रणजी टीम का हिस्सा बनें, आपको बता दें कि इस युवा क्रिकेटर की लाइफ जर्नी किसी के लिये भी मिसाल से कम नहीं है, उन्होने बताया कि कैसे हिम्मत और हौसले से उनकी जिंदगी बदल गई। उन्होने कहा कि उनकी लाइफ की जर्नी साल 2015 में शुरु हुई, जब वो पैसे कमाने एक होटल में वेटर का काम किया, ये होटल उनके एक दोस्त का ही था, इस वजह से यहां नौकरी पाने में परेशानी नहीं हुई थी।

क्रिकेटर

दिल में बसता था क्रिकेट

करीब एक महीना वेटर की नौकरी करने के बाद कुलवंत के मन में फिर से वापस घर लौटने की इच्छा होने लगी, घर लौटने के बाद उन्होने वापस पढाई शुरु की, कई कॉम्पिटीशऩ एग्जाम में ट्राय किया, लेकिन बात नहीं बनी,  कई कॉम्पिटीशऩ एग्जाम में ट्राय किया, लेकिन बात नहीं बनी, क्योंकि उन्हें हमेशा से क्रिकेट पसंद था, वो अक्सर टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लिया करते थे।

2016 में आये दिल्ली

साल 2016 में कुलवंत क्रिकेट में कुछ करने की इच्छा लिये दिल्ली चले आये, उनका दिल्ली आना भी आसान नहीं था, उन्होने अपने परिवार से झूठ बोला कि वो नौकरी के लिये अहमदाबाद जा रहे हैं, जहां उनके दोस्त का भाई काम करता है, वो उसी के साथ रहेंगे और वहीं पर कुछ काम करेंगे। जिसके बाद घर से परमिशन मिल गया, और वो अहमदाबाद बोलकर दिल्ली चले आये।

घर पर बोलते रहे झूठ 

कुलवंत ने ना सिर्फ झूठ बोलकर घर से निकले थे, बल्कि करीब आठ महीने तक घर पर ये बोलते रहे कि वो अहमदाबाद में हैं, जबकि वो दिल्ली में रह रहे थे, इस दौरान रहने-खाने के लिये उन्होने दोस्तों से पैसे लिये, छोटे-मोटे क्रिकेट मैच भी खेले साथ ही शनिवार और रविवार के दिन अंपायरिंग की, जहां से उन्हें 500-1000 रुपये मिल जाते थे, जिससे उनका गुजारा हो जाता था।

खेलने के लिये नहीं थे जूते

इस युवा क्रिकेटर  ने बताया कि उन्होने दिल्ली में एक छोटी क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन की थी, फिर उन्होने एलबी शास्त्री क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन की, वो इसी क्लब के हॉस्टल में रहते थे, इस दौरान उनके पास खेलने के लिये जूते भी नहीं थे, एकेडमी के कोच संजय भारद्वाज ने उन्हें जूते दिलवाये, जिसे पहनकर वो प्रैक्टिस में हिस्सा लिया करते थे।

गौतम गंभीर ने की तारीफ 

कुलवंत ने बताया कि वो टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को प्रैक्टिस करवाते थे, उनसे प्रभावित होकर गंभीर ने कोच संजय भारद्वाज की तारीफ की थी। इसके साथ ही वो लगातार मेहनत करते रहे और कोच के साथ-साथ दूसरे खिलाड़ियों से भी तारीफ बटोरते रहे।

2017 में ऐसे बदली किस्मत 

तेज गेंदबाज ने बताया कि साल 2017 में 4 जनवरी को एक मैच खेलने के लिये उन्हें डी वाई पाटिल स्टेडियम बुलाया गया, ये टी-20 मुकाबला था, दरअसल इससे पहले वो कभी कोई बड़ा मैच नहीं खेले थे, इसलिये उन्हें चेक करने के लिये बुलाया गया था, दिल्ली में कैंप के दौरान एक सलेक्टर ने उन्हें देखा था और उनकी स्पीड से प्रभावित हुए थे, इसी वजह से उन्हें डी वाई पाटिल स्टेडियम में बुलाया गया था।

दिल्ली टी-20 टीम में चयन 

डी वाई पाटिल स्टेडियम में खेले गये मैच में उनकी टीम को जीत मिली, जिसके बाद उनका चयन दिल्ली की टी-20 टीम में हो गया, लेकिन ईशांत शर्मा के फ्री होने की वजह से उन्हें स्टैंडबाय में रख दिया गया। फिर अगले महीने 20 फरवरी को आईपीएल ऑक्शन में उन्हें मुंबई इंडियंस की टीम ने 10 लाख रुपये में खरीदा, कुलवंत के अनुसार वो रिलायंस के कैंप में पहले खेल चुके थे, इसी वजह से मुंबई इंडियंस के कोच उनसे इम्प्रेस थे।

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बदल गई किस्मत 

21 फरवरी को विजय हजारे ट्रॉफी के लिये दिल्ली की टीम घोषित हुई, इस बार उनका चयन दिल्ली के वनडे टीम में हुआ, यहां उन्हें 6 मैच में से तीन में खेलने थे, लेकिन आशीष नेहरा के घायल हो जाने की वजह से उन्हें 5 मैचों में मौका मिला। उन्होने भी इस मौके पर भरपूर फायदा उठाया, और 5 मैचों में 14 विकेट हासिल किये, जिसके बाद उनका चयन इंडिया ए में हो गया। कुलवंत के कहा कि उनके एक डिसीजन का ही ये नतीजा था कि वो आज इस मुकाम पर पहुंचे।

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