भारतीय, ब्रिटिश और मुगल वास्तुकला की अनूठी मिसाल है विक्टोरिया मेमोरियल
विक्टोरिया मेमोरियल पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मौजूद सबसे फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स में से एक है। भारतीय, ब्रिटिश और मुगल वास्तुकला की इस अनूठी मिसाल को अंग्रेजों के शासन काल में महारानी विक्टोरिया की याद में बनाया गया था, जिसे साल 1921 में जनता के लिए एक संग्रहालय के रूप में खोल दिया गया था। आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं, ब्रिटिश आर्किटेक्ट विलियम इमर्सन द्वारा डिजाइन किए गए इस भव्य स्मारक से जुड़ी कुछ खास बातें।
शाही परिवार का ऐतिहासिक संग्रह है मौजूद
दरअसल, 1901 में महारानी की मृत्यु के बाद वायसराय लॉर्ड कर्जन ने इस इमारत के निर्माण का सुझाव दिया था। यह 64 एकड़ में फैली हुई सफेद संगमरमर से बनी एक गुंबदाकार संरचना है, जिसकी नींव 1906 में प्रिंस ऑफ वेल्स द्वारा रखी गई थी। 1921 में इसका लोकार्पण हुआ था, और वर्तमान में यह ऐतिहासिक संग्रहालय भारत के सांस्कृतिक मंत्रालय के अधीन आता है। बता दें, कि यहां शाही परिवार के ऐतिहासिक संग्रह के अलावा, विक्टोरिया मेमोरियल की इस खूबसूरत संरचना भी एक बड़ा कारण है, जिसे देखने देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।
एंजेल ऑफ विक्ट्री की प्रतिमा है बेहद खास
इमारत के सेंट्रल डोम एक एंजेल ऑफ विक्ट्री प्रतिमा है, जो एक बड़े से बॉल बियरिंग पर स्थापित होने के कारण हवा के साथ घूमती है। सेंट्रल डोम के आसपास ही कई अन्य कलाकृतियां भी मौजूद हैं, जो न्याय, शिक्षा, बुद्धिमानी, मातृत्व और जनकल्याण का संदेश देती हैं। मुख्य द्वार पर मौजूद शेरों की शेरों की प्रतिमाएं शक्ति का प्रतीक हैं, जिन्हें संगमरमर से बनाया गया है। इसके अलावा तांबे से बना क्वीन का स्टैच्यू मुख्य द्वार से कुछ दूर गार्डन ग्राउंड पर मौजूद है। इस स्टैच्यू को इंग्लैंड में सर जॉर्ज फ्रेम्पटन ने बनाया था और समुद्री रास्ते से भारत लाया गया था।
दरवाजे के पास लिखा है सीक्रेट मैसेज
इसके दरवाजे के पास ही आप VRI लिखा देख सकते हैं, जिसका अर्थ है कि विक्टोरिया ब्रिटेन की रानी हैं और भारत की महारानी हैं। इसके अलावा यहां एक और सीक्रेट मैसेज लिखा है- ‘Dieu Et Mon Droit’ जिसका मतलब बताया जाता है कि सम्राट को शासन करने का अधिकार है।
25 गैलरियों में मौजूद है कई ऐतिहासिक चीजें
विक्टोरिया मेमोरियल में मौजूद 25 गैलरियों में एक बड़ा संग्रह मौजूद है, जिनमें अस्त्र-शस्त्र, पेंटिंग्स और अन्य ऐतिहासिक चीजें मौजूद हैं। अन्य गैलरी में उस वक्त के सिक्कों, नक्शों और डाक टिकटों को भी दर्शाया गया है। बता दें, कि पश्चिम बंगाल सरकार के पर्यटन विभाग की साइट के मुताबिक यहां मौजूद अधिकतर पेंटिंग्स को थॉमस और विलियम डेनियल नामक चित्रकारों ने बनाया है। बताया जाता है कि अंग्रेजों के शासन काल में उन्होंने ज्यादातर समय भारत में ही गुजारा था।
मेमोरियल में इस्तेमाल हुआ जोधपुर का संगमरमर
विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण राजस्थान के जोधपुर से लाए गए मकराना मार्बल से हुआ है। विलियम एमर्सन, मेमोरियल के चीफ आर्किटेक्ट हैं, जो उस समय रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट के प्रेसिडेंट भी थे। बता दें, कि इसकी ऊंचाई लगभग 200 फीट है। एंजल ऑफ विक्ट्री की ऊंचाई 16 फीट है। उस वक्त इस इमारत के निर्माण का खर्च लगभग 1 से सवा करोड़ रुपए के करीब आया था।