ब्रिटेन, इटली और जापान मिलकर बनाएंगे दुनिया का दूसरा सबसे घातक लड़ाकू विमान, प्रोजेक्ट को मिली हर झंडी
ब्रिटेन, इटली और जापान मिलकर दुनिया का दूसरा छठी पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान बनाएंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने परियोजना को हरी झंडी दे दी है। तीनों देश ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम यानी जीसीएपी के तहत लड़ाकू विमानों को विकसित करेंगे। जीसीएपी का मुख्यालय ब्रिटेन में है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य चीन का मुकाबला करना है। योजना के मुताबिक इस स्टील्थ लड़ाकू विमान के 2035 तक तैयार होने की उम्मीद है।
पिछले साल हुआ समझौता
ब्रिटेन, इटली और जापान ने चीन से निपटने के खातिर जीसीएपी कार्यक्रम तैयार किया है। पिछले साल ही तीनों देशों के मध्य समझौता हुआ था। इस परियोजना में दो अलग-अलग सैन्य कार्यक्रमों को मिलाया गया है। इटली का टेम्पेस्ट प्रोजेक्ट और जापान का एफ-एक्स कार्यक्रम जीसीएपी का हिस्सा होंगे। बताया जा रहा है कि छठी पीढ़ी के स्टील्थ विमान को विकसित करने की यह परियोजना अरबों डॉलर की है।
औपचारिक घोषणा होना बाकी
फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टारमर और उनके मंत्रिमंडल ने ग्लोबल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोग्राम को मंजूरी दी है। कुछ ही हफ्तों में कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा हो सकती है। पहले यह माना जा रहा था कि अधिक लागत की वजह से ब्रिटेन इस परियोजना से पीछे हट सकता है। मगर प्रधानमंत्री की मंजूरी ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।
अभी अमेरिका के पास सबसे घातक विमान
तीनों ही देश 2035 तक हर हाल में स्टील्थ लड़ाकू विमान विकसित करना चाहते हैं। यूके के रक्षा मंत्री ने कहा कि ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम का यूके एक गौरवशाली सदस्य है। हम जापान और इटली के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। 2035 तक छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान को तैयार करने पर हमारा फोकस है। अगर यह लड़ाकू विमान समय पर तैयार हो जाता है तो वह अमेरिका के B-21 रेडर बॉम्बर के बाद छठी पीढ़ी का दुनिया का दूसरा सबसे उन्नत लड़ाकू विमान होगा। B-21 रेडर बॉम्बर को अमेरिकी कंपनी नॉर्थरोप ग्रमॅन ने तैयार किया है।
ये कंपनियां तैयार करेंगी लड़ाकू विमान
छठी पीढ़ी के दूसरे स्टील्थ लड़ाकू विमान को इटली की लियोनार्डो एयरोस्पेस, ब्रिटिश विमान निर्माता बीएई सिस्टम्स, रोल्स-रॉयस और जापान की मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज मिलकर विकसित करेंगे। अमेरिका का बी-21 रेडर बॉम्बर बेहद घातक लड़ाकू विमान है। ये विमान रडार को भी चकमा देने में माहिर है। खास बात यह है कि विमान परमाणु हमला करने में सक्षम है। ये क्लाउड तकनीक पर आधारित दुनिया का पहला डिजिटल बमवर्षक है।