गोंडा में स्थापित होगी तुलसीदास डिजिटल लाइब्रेरी

यूपी के गोंडा जिले में अवधी संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए जिले के सूकरखेत क्षेत्र के छतौनी गांव में गोस्वामी तुलसीदास डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी। इसके लिए भौतिक तथा इलेक्ट्रानिक रूप से बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। यह जानकारी अवध संस्कृति उत्कर्ष समिति के अध्यक्ष महेश सिंह ने सिविल लाइंस क्षेत्र में आयोजित समिति के कार्यकारिणी की बैठक में दी।

गोंडा जिले के प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ. सूर्यपाल सिंह के आवास पर आयोजित बैठक में उन्होंने बताया कि इसके लिए भवन निर्माण तथा साफ्टवेयर डेवलपमेंट का काम शुरू कर दिया गया है। इनके पूर्ण होते ही इसे मूर्त रूप प्रदान किया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डा. सूर्यपाल सिंह ने कहा कि अवधी भाषा के संरक्षण तथा संवर्द्धन के लिए तो हम मिलकर काम अवश्य करें। किंतु हिंदी और अवधी को अलग बिल्कुल न होने दें। ऐसा करने से भविष्य में हम कमजोर होंगे। उन्होंने अवधी के लेखकों से अपील किया कि वे अवधी में अपने आलेख और कविताएं उन्हें प्रेषित करें, जिसे उनकी पत्रिका ‘पूर्वापर’ में नियमित स्थान दिया जाएगा। प्रो. महराज दीन पांडेय ने कहा कि हमारा उद्देश्य अवध की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। इसके लिए उन्होंने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। प्रो. मंशाराम वर्मा ने कहा कि अवध की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। हम अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। हमारा विश्वास है कि इन प्रयासों से अवध की संस्कृति को नई पहचान मिलेगी।


वरिष्ठ पत्रकार जानकी शरण द्विवेदी ने कहा कि अवधी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन पर कई महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए एक सोशल मीडिया टीम के गठन का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि समिति के प्रयासों से अवध की संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा और इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर नई पहचान मिलेगी। उन्होंने सभी सदस्यों से आगामी कार्यक्रमों के लिए अपनी पूरी मेहनत और समर्पण के साथ काम करने की अपील की। संचालन डॉ. संत शरण त्रिपाठी ने किया। बैठक में पिछले वर्ष के दौरान किए गए कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। समिति के अध्यक्ष महेश कुमार सिंह ने पिछले वर्ष के कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत किया। कोषाध्यक्ष डा. श्रीनारायण तिवारी ने वित्तीय रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि पिछले वर्ष समिति को विभिन्न स्रोतों से अच्छा वित्तीय समर्थन प्राप्त हुआ था। उन्होंने सभी दाताओं और समर्थकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि समिति के कार्यों को सफल बनाने में उनके योगदान का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने सभी सदस्यों को उनके सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

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