देश में तेजी से बढ़ा उच्च शिक्षा को लेकर छात्रों में रुझान…

देश में उच्च शिक्षा को लेकर छात्रों का रुझान तेजी से बढ़ा है। साल 2014-15 में उच्च शिक्षा के लिए नामांकन कराने वाले छात्रों की संख्या करीब 3.42 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 4.14 करोड़ से अधिक हो गई है। 2020-21 की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रों की संख्या में 72 लाख की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) (2011 की जनगणना के आधार पर) भी बढ़कर 27.3 प्रतिशत हो गया है। साल 2014-15 में यह 24.3 प्रतिशत था, जो 2001 की जनगणना पर आधारित था।

उच्च शिक्षा के प्रति महिलाओं का भी बढ़ा रुझान

उच्च शिक्षा के प्रति महिलाओं का भी रुझान बढ़ा है। इनकी नामांकन संख्या भी अब दो करोड़ के पार हो गई है। 2014-15 के मुकाबले इनमें करीब 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उच्च शिक्षा में बदलाव की जानकारी शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आल इंडिया सर्वे आन हायर एजुकेशन की रिपोर्ट से मिली है। जिसे मंत्रालय ने रविवार को जारी किया है। यह रिपोर्ट सितंबर 2022 में ही तैयार हो गई थी, लेकिन औपचारिकताओं के चलते इसे अब जारी किया जा सका है।

उच्च शिक्षा का जीईआर 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य

उच्च शिक्षा में बदलावों को लेकर शिक्षा मंत्रालय 2011 से रिपोर्ट जारी करता आ रहा है। वैसे तो यह रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय का उत्साह बढ़ाने वाली है, लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में उच्च शिक्षा के सकल नामांकन का जो सपना देखा गया है, उस तक पहुंचना अभी एक बड़ी चुनौती है। एनईपी में 2035 तक उच्च शिक्षा का जीईआर 50 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

कला संकाय के हैं सबसे अधिक छात्र

इस रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च शिक्षा में सबसे अधिक नामांकन उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में हुआ है। उच्च शिक्षा में नामांकन कराने वाले छात्रों में 79 प्रतिशत छात्र अंडर ग्रेजुएट स्तर के हैं, जबकि करीब 12 प्रतिशत पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के हैं। ग्रेजुएट स्तर पर नामांकन कराने वाले छात्रों में सबसे अधिक कला संकाय के हैं। विज्ञान पढ़ने वाले छात्र 15.5 प्रतिशत, कामर्स पढ़ने वाले 13.9 प्रतिशत और इंजीनियरिंग व तकनीक की पढ़ाई करने वाले 11.9 प्रतिशत हैं। देश में मौजूदा समय में 1113 विश्वविद्यालय और 43796 कालेज हैं।

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