ताउम्र नजर आये यह चांद… छलनी से किया पिया का दीदार

मांगी पति की लंबी उम्र की दुआ, रंगबिरंगे परिधानों में सजी महिलाएं सजीव भारतीयता का प्रस्तुत कर रही थीं चित्रण

सुरेश गांधी

वाराणसी : चांद आया…चांद नजर आया। बुधवार की रात हर आम हो या खास अख्ंड सौभाग्य, आस्था और विश्वास, का पर्व करवा चौथ का त्योहार शहर से लेकर देहात तक में पारंपरिक तरीके से धूमधाम से मनाया। सुहागिनों ने चांद का दीदार कर व्रत तोड़ा। चांद नजर आते ही सुहागिन महिलाओं के चेहरों पर खुशियां देखते ही बन रही थी। व्रतियों ने छत, बालकनी में चांद का दीदार किया। इसके बाद अर्घ दिये और मंगल कामना की। पति के हाथों जल ग्रहण कर पारण किया। महिलाएं सोलहों श्रृंगार कर पहले दुल्हन बनी, फिर घरों की छतों पर चांद के दीदार को बेकरार थी। जैसे ही चांद दिखा पति को छलनी के बीच सजना की लम्बी उम्र की कामना के साथ चांद का दीदार किया। विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद सजना ने सजनी को पानी पिलाकर व्रत पूरा कराया।

सुहाग की लंबी आयु की कामना वाले इस पावन पर्व के लिए महिलाओं ने घरों में पूजा-अर्चना की। तो कुछमंहिलाएं मंदिरों में गयी। जहां उन्होंने विधिपूर्वक पूजा अर्चना की। करवों में मिठाई पानी भरकर सुहागनों ने इसे एक दूसरे के करवों से बदला। फिर आसमान की ओर बार-बार चांद को निहारने में जुट गयी। बार-बार घर के सदस्यों से भी चांद निकलने का वक्त पूछती रही। जैसे ही करवाचौथ का चांद की झलक दिखी, छलनी से पहले पिया को निहारा फिर जुट गयी पूजन-अर्चन में। इसके बाद उपवास तोड़ा। कुछ ऐसा ही नजारा तकरीबन हर घर में देखने को मिला। इसके बाद साजन के साथ आउटिंग और मूनलाइट डिनर ने करवा चौथ में और रंग भर दिया। किसी जोड़े ने होटल में मून लाइट डिनर किया तो किसी ने पत्नी को सरप्राइज गिफट देकर चेहरे पर खुशी बिखेर दी। सुबह महिलाओं ने पति के प्रति प्रेम का पर्व पूर्ण आस्था के साथ निर्जला का उपवास रखा। दोपहर बाद विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर शाम सजे-धजे परिधाना में सोलह श्रृगार कर छतों पर चांद निकलने का ईंतजार किया। जैसे ही चांद का दीदार हुआ मानो उनकी शरीर में जान सी आ गई क्योंकि वह दिनभर से भुखी-प्यासी चांद का इतंजार कर रही थी। चांद निकलने के बाद पारपरिक रस्म के अनुसार चन्द्रमा की पूजा कर चांद को जल से अर्ध्य देकर व्रत को सम्पन्न किया।

दिखा आधुनिकता का रंग

परंपरागत त्योहार करवा चौथ पर भी आधुनिकता का खूब रंग देखने को मिला। रिवाजों से इतर कई जोड़ों ने पूजा और करवा चौथ का व्रत खोलने के बाद रेस्टोरेंट और होटल्स में जाकर डिनर किया। वहीं मॉल्स-मल्टीपलेक्स भी देर रात तक गुलजार रहे। खुशबू ने बताया कि करवा चौथ के बाद शाम को होटलों में लोगों की खूब भीड़ जुटी। जोड़ों ने साथ मिलकर लजीज खाने का मजा लिया। पिछले कुछ सालों से व्रत खोलकर रेस्टोरेंट में डिनर का चलन खूब बढ़ा है।

मेहंदी बाजार भी रहे गुलजार

ज्यादातर महिलाओं ने एक दिन पहले ही मेहंदी लगवा ली थी, लेकिन करवाचौथ के दिन भी मेहंदी लगवाने के लिए खूब भीड़भाड़ देखी गई। सड़क किनारे बैठे मेहंदी वालों के पास सुबह से ही खासी भीड़ देखने को मिली। महिलाएं सुबह से ही मेहंदी लगाने के लिए उत्साहित दिखीं। कलावति ने बताया कि एक रात पहले काफी भीड़ होती है। ऐसे में कई महिलाएं करवाचौथ के दिन ही मेंहदी लगवाती हैं।

पतियों ने भी रखे व्रत

करवा चौथ पर जहां महिलाओं ने अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखे, वहीं कुछ पुरुष भी अपनी पत्नियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस व्रत को निभाते हुए नजर आए। उनका कहना रहा कि जब उनकी पत्नी यह व्रत रख सकती है तो वह भी व्रत रख सकते है। हमें भी उनका मान-सम्मान करना चाहिए।

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