आसमान में सूर्य जल्दी दिखता है, तो प्रकाश देर में क्यों पहुंचता है? जानिए पूरी खगोलीय घटना

हमारे आसपास ऐसी बहुत सी खगोलीय घटनाएं होती हैं, जिनका सीधा जवाब विज्ञान के पास तो है लेकिन हम ही कई बार इसे याद नहीं रख पाते हैं. हालांकि फुरसत के पलों में कई बार इनसे जुड़े हुए सवाल हमारे मन में आते हैं लेकिन अगर कोई कुछ पूछ ले तो हम जवाब देने से पहले काफी सोचने लगते हैं. हां, आजकल तो हाथ में रखे मोबाइल से गूगल सर्च करने लगते हैं.
हम धरती से जब भी खुले आसमान की ओर देखते हैं, तो दिन में सूर्य का प्रकाश और सूर्य दोनों ही दिख जाते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि सूर्य को देखने में हमें कोई वक्त नहीं लगता लेकिन इसकी किरणें धरती तक पहुंचने में समय क्यों लगा देती हैं. कोरा पर जब ये सवाल पूछा गया तो लोगों ने अपने-अपने हिसाब से इसका जवाब दिया. इन जवाबों और वैज्ञानिक तथ्यों को मिलाकर हम आपको बताएंगे कि इसकी वजह क्या है?
आंखें झट से देख लेती हैं सूर्य, फिर प्रकाश में देरी क्यों?
पृथ्वी का वायुमंडल कई तरह की गैसों का मिश्रण होता है. ज्यादातर यूजर्स ने इसी थ्योरी को दोहराया है कि धरती पर आने वाला सूर्य का प्रकाश इस वायुमंडल से होकर ही धरती तक पहुंचता है. चूंकि सूर्य और धरती के बीच में एक निर्वात यानि खाली जगह है, जहां कोई भी पदार्थ या कण नहीं हैं, ऐसे में वहां अंधेरा रहता है. जब प्रकाश धरती के वायुमंडल में पहुंचता है, तब उसका विकीर्णन यानि फैलाव होने लगता है और हमें उजाला दिखने लगता है. अगर वायुमंडल एकदम साफ हो जाए और यहां कोई भी कण न हों, तो धरती पर भी सूर्य की किरणें उजली नहीं दिखेंगी.
सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद भी दिखता है सूर्य
इतना ही नहीं अगर आपने देखा होगा तो सूर्य की किरणें धरती तक पहुंचने से पहले भी हमें सूर्य दिख जाता है और इसकी किरणें खत्म होने के बाद भी उसे हम देख सकते हैं. ऐसा नहीं है कि सूर्य इसमें कोई गतिविधि कर रहा है. दरअसल हम तक जो पहुंचता है, वो उसका बिम्ब होता है. क्षितिज पर दिखने वाला सूरज किसी माया की तरह है, जो हमें सिर्फ दिखाई देता है. उसका प्रकाश धरती तक पहुंचने में 8 मिनट 16.6 सेकंड का समय लगता है.