प्रधानमंत्री मोदी के शंखनाद से जम्मू की फिजाओं में चटख हुआ भगवा रंग

चिनाब नदी के प्रवाह के समानांतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार दोपहर विशाल रैली में जैसा शंखनाद किया, उसने जम्मू की फिजाओं में भगवा रंग को चटख कर दिया। जम्मू-कश्मीर में विकास का वास्ता देकर पीएम मोदी ने पिछले दस साल की उपलब्धियां गिनाई। विपक्षी दलों पर निशाना साधा और पीएम मोदी ने साबित करने की कोशिश की कि घाटी का भविष्य भाजपा ही संवार सकती है। उन्होंने अमन और सुकून का हवाला दिया और साफ किया कि इसके बिना तरक्की संभव नहीं है। खासकर नौजवानों के जरिये उन्होंने जम्मू और कश्मीर की बड़ी आबादी को भी साधने की हरसंभव कोशिश की।

पहले चरण की 24 सीटों पर मतदान से ठीक चार दिन पहले पीएम मोदी ने अपनी पहली चुनावी रैली के जरिये माहौल को भाजपा के पक्ष में करने का भरसक प्रयास कर दिया है। 18 सितंबर को पहले चरण का मतदान है। आंतकवाद का शिकार रही चंद्रभागा के डोडा की रैली से पीएम मोदी ने प्रदेशभर के मतदाताओं को नए सवेरे और नई उम्मीदों के सपने को हकीकत में बदलने का वादा किया। राजनीतिक जानकारों की मानें तो पीएम मोदी ने डोडा के जरिये पूरे जम्मू और कश्मीर को साधा है। कारण, डोडा की बोली, भाषा और संस्कृति साझी मानी जाती है और यहां से निकलने वाली आवाज पूरे जम्मू-कश्मीर तक पहुंचती है।

पीएम मोदी ने कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को कठघरे में खड़ा कर नौजवानों के जरिये माताओं व बहनों से भी सीधा संवाद किया। कांग्रेस नीत हिमाचल प्रदेश की दुर्दशा के जरिये उन्होंने साफ किया कि अगर किसी तरह की गलती मतदान में हुई तो विकास का पहिया फिर थम सकता है। पुराने समय की याद दिलाकर उन्होंने रोजगार और माहौल की व्यवस्था की हकीकत से रुबरू कराया।
भाजपा के स्थानीय नेता जोरावर सिंह बताते हैं कि डोडा में पीएम की रैली से चिनाब क्षेत्र पर खासा असर पड़ेगा। चिनाब क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें हैं। डोडा, डोडा पश्चिम, भद्रवाह, किश्तवाड़, इंद्रवल, पाडर-नागसेनी, रामबन और बनिहाल में भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। भाजपा के मिशन 50 के लिए यह सभी सीटें अहम हैं। भाजपा जम्मू संभाग की सभी 43 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा को उम्मीद है कि यहां पीएम के संदेश का असर सभी सीटों पर पड़ेगा।

साढ़े चार दशक बाद हुई पीएम की रैली

डोडा में साढ़े चार दशकों यानी 45 साल बाद किसी प्रधानमंत्री की पहली रैली हुई है। 1979 में इंदिरा गांधी ने डोडा में रैली की थी। डोडा कई दशकों तक आतंकवाद से प्रभावित रहा है। पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा बदलाव इसी क्षेत्र ने देखा है। यहां चल रही परियोजनाओं में डोडा को जम्मू और चिनैनी से नाशरी, सुदमा देव से डोडा तक बन रही टनल इस इलाके को सीधे जम्मू और कश्मीर से कनेक्ट करेगी। पीएम ने उपलब्धियों में जम्मू में बने आईआईटी, एम्स और आईआईएम तक का जिक्र किया।

सॉफ्ट हिंदुत्व का दिया संदेश
चंद्रभागा से जुड़ा यह हिस्सा जम्मू-कश्मीर में हिन्दु और मुस्लिम की मिश्रित आबादी के लिए भी पहचान रखता है। पीएम मोदी ने यहां विकास की बात में सभी धर्म, मजहब को विकास यात्रा से जोड़कर सॉफ्ट हिन्दुत्व का संदेश दिया है। तीन तलाक की याद दिलाकर उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं को भी रिझाने की पूरी कोशिश की है। उन्होंने अपने वादों के साथ यह साफ किया कि भाजपा केवल कहती नहीं बल्कि करके भी दिखाती है। इसके साथ ही उन्होंने मोदी गारंटी से भी मतदाताओं का विश्वास जीतने की कोशिश की है।

2014 में जम्मू संभाग में भाजपा को मिली थीं 19 सीटें
भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। उस वक्त जम्मू में 24 सीटें थी और भाजपा को यहां 19 पर विजय मिली थी। चंद्रभागा सहित इस इलाके की 13 में छह सीटों पर विजय दर्ज की थी। सबसे अहम बात यह है कि उस वक्त की इन 13 सीटों को मुस्लिम बहुल माना गया था। वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले हुए परिसीमन ने पूरा परिदृश्य बदला है। इस बार भाजपा ने 90 में 62 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। जम्मू संभाग की सभी 43 सीटों पर प्रत्याशी हैं, जबकि कश्मीर में 47 में 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बता दें कि वर्ष 2014 में पीडीपी ने 28 और नेकां ने 15 और कांग्रेस ने 12 पर विजय प्राप्त किया था।

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