सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में कश्मीरी हिंदू के तीन हत्यारे को मार गिराया, पढ़ें पूरी खबर ..

सुरक्षाबलों ने मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां में एक मुठभेड़ में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्क्वाड द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरफ) के तीन आतंकियों को मार गिराया। इनमें से दो आतंकी कश्मीरी हिंदू पूर्ण कृष्ण भट्ट की हत्या और एक नेपाली नागरिक की हत्या में लिप्त थे। मारे गए आतंकियों से एक एसाल्ट राइफल, दो पिस्तौल व अन्य सामान मिला है।

उपचार के दौरान तिल बहादुर की हो गई थी मौत 

कश्मीरी हिंदू पूर्ण कृष्ण भट्ट की हत्या 13 अक्टूबर को शोपियां के चौधरीगुंड में उनके घर के बाहर कर दी गई थी। वहीं, नेपाली नागरिक तिल बहादुर समेत दो श्रमिक पिछले माह नवंबर के पहले सप्ताह में अनंतनाग में एक स्कूल परिसर के बाहर आतंकी हमले में घायल हुए थे। बाद में अस्पताल में उपचार के दौरान तिल बहादुर की मौत हो गई थी। पुलिस को सोमवार देर रात पता चला कि स्वचालित हथियारों से लैस तीन आतंकी शोपियां के मुंजमर्ग में अपने किसी संपर्क सूत्र से मिलने आए हैं। पुलिस ने उसी समय सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर आतंकियों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया। आधी रात के बाद जवानों ने गांव की घेराबंदी करते हुए आने-जाने के सभी रास्ते बंद कर दिए। इसके बाद मंगलवार तड़के सुरक्षाबलों ने अपना तलाशी अभियान शुरू किया।

तलाशी लेते समय आतंकी ढेर मिले 

तलाशी लेते हुए जवान जब आगे बढ़ रहे थे तो एक जगह छिपे आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों ने जवाबी कार्रवाई की। सुबह करीब साढ़े पांच बजे शुरू हुई मुठभेड़ लगभग दो घंटे चली। आतंकियों की तरफ से फायरिंग बंद होने पर जवानों ने आगे बढ़कर तलाशी ली तो उन्हें वहां गोलियों से छलनी तीन आतंकियों के शव मिले। मारे गए आतंकियों में से दो की पहचान समीर लोन निवासी शोपियां और उमर नजीर निवासी अनंतनाग के रूप में हुई है। तीसरे आतंकी का नाम दानिश है और वह उत्तरी कश्मीर में ओल्ड टाउन (बारामुला) का रहने वाला है।

जम्मू कश्मीर में कौन रहेगा -प्रदेश और केंद्र सरकार तय करेगी

जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में कौन रहेगा, यह प्रदेश और केंद्र सरकार तय करेगी, आतंकी संगठन या उसका आका पाकिस्तान नहीं। द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की शह पर यहां लोगों में एक बार फिर डर पैदा करने के लिए धमकियां दे रहे हैं। इनसे डरने की जरूरत नहीं है। वादी में हालात में बहुत सुधार आया है और अगले चार माह में यहां हालात और ज्यादा बेहतर होंगे।

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