सीईसी ने कहा- जम्मू-कश्मीर में जल्द कराए जाएंगे लोकसभा और विधानसभा चुनाव
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने कहा कि आयोग जम्मू-कश्मीर में जल्द लोकसभा और विधानसभा चुनाव करवाने के पक्ष में है। दोनों चुनाव एक साथ करवाने के सवाल पर आयुक्त ने कहा कि राजनीतिक दलों, जिला उपायुक्तों, आईजी, डीआईजी, एसपी, अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों से फीडबैक लेने के बाद ही संयुक्त फैसला लिया जाएगा। इसमें सुरक्षा परिस्थितियों को मुख्य रूप से ध्यान में रखा जाएगा। आयोग देशभर की तरह जम्मू-कश्मीर में सभी चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शिता से करवाएगा।
जम्मू में बुधवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान सीईसी ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में देरी और इसके लिए न्यायालय में राजनीतिक दलों को क्यों जाना पड़ा के सवाल पर कहा कि प्रदेश के चुनाव में कोई देरी नहीं हुई है। बताया कि अनुच्छेद 370 और 35 ए के निरस्त होने के बाद 2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 लाया गया। तब 107 विधानसभा सीटें निर्धारित की थीं, जिसमें पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर की 24 सीटें थी, लेकिन उन सीटों को निकालकर 83 सीटें बनती थीं।
इसमें एससी के लिए सात सीटें आरक्षित थीं, लेकिन एसटी के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं था। जिसके बाद 2022 में परिसीमन लाया गया और तब तक चुनाव संभव नहीं थे। परिसीमन प्रक्रिया में विधानसभा सीटों को 107 से बढ़ाकर 114 किया गया, जिसमें पीओजेके की 24 सीटों को निकालकर 90 सीटें हुईं और इसमें 9 एसटी के लिए आरक्षित की गईं। इस सारी प्रक्रिया के पूरे होने के बाद दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधित अधिनियम 2023 लाया गया। इसके बाद अब चुनाव संभव हो पाए हैं।
परिसीमन में विस्थापितों के लिए भी दो सीटें आरक्षित करने का प्रावधान रखा गया है, जिसमें एक सीट महिला की है। इसके अलावा एक दिव्यांग के लिए भी सीट आरक्षित करने का प्रावधान है। देशभर में 2024 के चुनावों में युवा मतदाताओं की अधिक से अधिक भागीदारी को सुनिश्चित बनाया जा रहा है। इसके लिए मतदाता सूची में 1.9 करोड़ युवा मतदाताओं को जोड़ा गया है। काॅलेजों में आइकन यूथ बनाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने के साथ युवा ब्रांड अंबेसडर आदि प्रयास किए जा रहे हैं।
चुनावी बांड पर समय पर खुलासा करेंगे
सीईसी ने कहा कि चुनाव आयोग चुनावी बांड पर सभी विवरणों का समय पर खुलासा करेगा। आयोग को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से चुनावी बांड से संबंधित विवरण प्राप्त हो गया है और वह समय पर सभी प्रासंगिक जानकारी साझा करेगा। सीईसी का चुनावी बांड पर यह बयान सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बांड का विवरण चुनाव आयोग को सौंपने का निर्देश देने के मद्देनजर आया है। एसबीआई चुनावी बांड जारी करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान है। उन्होंने बताया कि एसबीआई को 12 मार्च तक डेटा जमा करना था। उन्होंने हमें समय पर विवरण दे दिया है। मैं वापस जाऊंगा और डेटा को देखूंगा और निश्चित रूप से समय पर इसका खुलासा करूंगा।