नदी खोद रहे थे मजदूर, अचानक हाथ लगी 1 हजार साल पुरानी मूर्तियां

हिंदू धर्म में कई चमत्कार की बातें कहीं जाती है. लोगों की आस्था ऐसी है कि यहां कई चीजें दिखती है, जिसके पीछे की वजह समझ नहीं आती. बीते दिनों अयोध्या में राममंदिर का उद्घाटन किया गया. रामलला की काले रंग की मूर्ति ने सबका ध्यान अपनी और आकर्षित किया. इसे बनाने वाले मूर्तिकार का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद वो अपनी ही बनाई कला को पहचान नहीं पाए. अब एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जिसे जानने के बाद आपकी हैरानी और भी ज्यादा बढ़ जाएगी.

तेलंगाना और कर्णाटक के बॉर्डर के पास कृष्णा नदी से भगवान विष्णु की मूर्ति और एक शिवलिंग मिली है. इन दोनों की ही उम्र एक हजार साल से ऊपर की बताई जा रही है. सदियों पुरानी ये मूर्तियां तब मिली जब ब्रिज के काम के लिए देवसुगर गांव में खुदाई चल रही थी. मजदूरों ने बड़ी सावधानी से नदी से इन मूर्तियों को बाहर निकाला. लेकिन जैसे ही लोगों ने भगवान विष्णु की मूर्ति पर गौर किया, उनकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहा.

रामलला से मिल रहा है चेहरा
नदी से मिली मूर्ति एक हजार साल पुरानी है. लेकिन जब भगवान विष्णु की प्रतिमा को देखा, तो उनका चेहरा अयोध्या में स्थापित किये गए रामलला से हूबहू मिल रहा था. इसे देख लोगों की आंखें फटी रह गई. दोनों के चेहरे में इतनी समानता है कि ऐसा लग रहा था जैसे नदी से निकली प्रतिमा को देखकर ही रामलला को बनाया गया था. लेकिन ये पॉसिबल ही नहीं है. भगवान विष्णु की मूर्ति एक हजार साल से पानी के अंदर थी.

मूर्तियों की हो रही है जांच
नदी से निकाले जाने के बाद इन मूर्तियों को आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने अपने पास सुरक्षित रख लिया है. अब इनकी जांच की जाएगी, जिसमें ये स्पष्ट तौर पर पता चल जाएगा कि ये प्रतिमाएं असल में कितने साल पुरानी हैं. चश्मदीदों के मुताबिक़, मिली हुई मूर्तियों में भगवान विष्णु के दसावतार का रूप है. साथ ही एक शिवलिंग भी है. भगवान विष्णु का चेहरा रामलला से हूबहू मिलने की वजह से लोगों के बीच इस खबर की काफी चर्चा हो रही है.

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