लद्दाख में बढ़ते तापमान और ग्लेशियर पिघलने से बाढ़ का खतरा

लद्दाख में तेजी से बढ़ते तापमान और ग्लेशियर पिघलने से बाढ़ का खतरा पनप रहा है। 30 जुलाई को लेह में अधिकतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे पहले 28 जुलाई को लेह में अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री, जबकि कारगिल में 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने बुधवार को कहा कि लद्दाख में तापमान में तीव्र वृद्धि चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त के दौरान लद्दाख के सबसे गर्म महीनों में उच्च तापमान सामान्य होता है, लेकिन इसमें तीव्र वृद्धि वास्तव में चिंताजनक है, क्योंकि ग्लेशियर इस क्षेत्र के प्रमुख जलस्रोत हैं और भीषण गर्मी के कारण इनका तेजी से पिघलना क्षेत्र के लिए खतरा पैदा कर सकता है। कारगिल में लेह से 2-3 डिग्री अधिक तापमान होता है। 

हालांकि जुलाई-अगस्त में हमेशा गर्मी होती है, खासकर जुलाई के दूसरे सप्ताह से मध्य अगस्त तक। अगर इस तरह तापमान बढ़ता रहा तो तीव्र गर्मी बर्फ की चट्टानों को तेजी से पिघला देगी, जिससे बाढ़ आ सकती है। 

लोटस ने पर्यटकों के लिए भी एक सलाह जारी की है कि वे मौसम को ध्यान में रखकर ही अपनी यात्रा का विचार करें। लद्दाख में मानसून अब सक्रिय हो रहा है। अगले सप्ताह भारी बारिश की संभावना है। इससे कई इलाकों में बाढ़ आ सकती है, इसलिए लोगों को सतर्क रहना होगा।

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