
ईरान ने शुक्रवार को मेडिकल रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि महसा अमिनी की मौत बीमारी से हुई थी न कि हिरासत के दौरान किसी तरह की मारपीट से।
बता दें कि ईरान में महिलाओं का हिजाब पहनना अनिवार्य है। इसके लिए यहां कानून भी है जिसके उल्लंघन के आरोप में महसा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ऐसी रिपोर्ट है कि हिरासत में पुलिस ने अमिनी के सिर पर वार किया था। यह जानकारी UN के मानवाधिकार आयुक्त नदा अल-नशीफ ने दी। अमिनी की मौत के एक दिन बाद कुर्दिस्तान में सभी दुकानें बंद कर दी गईं
प्रदर्शनकारियों में छात्रों के शामिल होने को लेकर देश की प्रमुख तीन यूनिवर्सिटी तेहरान, खाजे नसीर और शाहिद बेहेष्ती ने अगले सप्ताह के लिए आनलाइन क्लास लेने का फैसला लिया है। इससे पहले ईरान में बड़ा प्रदर्शन 2019 में ‘Bloody November’ हुआ था जो ईंधन की कीमतों में इजाफे के खिलाफ था।