जम्मू-कश्मीर में सियासी घमासान, पीडीपी की मानसिकता पर सवाल

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पहले दिन के सत्र में पीडीपी द्वारा  हंगामे पर सत्ताधारी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेता शगुन परिहार ने कहा, पीडीपी ने पहले भी क्रूर मानसिकता का प्रदर्शन किया है और आज सदन में भी उन्होंने वही दोहराया।

कांग्रेस नेता इरफान लोन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अवाम को जम्हूरियत के हक से महरूम रखा गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां चुनाव हुए और आज इस सदन की कार्रवाई हुई। लोग उम्मीद करते हैं कि उनके उम्मीदवार सदन में उनकी आवाज उठाएंगे। उन्होंने एलजी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें पीडीपी के एमएलए द्वारा प्रस्ताव पेश करने की कोई गुंजाइश नहीं थी।

बीजेपी नेता सुनील शर्मा ने पीडीपी पर आरोप लगाते हुए कहा, लेकिन पीडीपी जहर से भरी है।

वहीं, पीडीपी नेता वहीद पर्रा ने अपने रेजोल्यूशन का बचाव करते हुए कहा, हमारा रेजोल्यूशन पेश करना कोई सियासत की गरज से नहीं था, बल्कि यह यहां के कद्दावर नेता शेख अब्दुल्ला की विरासत और जम्मू के हिंदू राजा द्वारा बनाई गई रियासत की पुनर्स्थापना की मांग करता है। मुझे नहीं लगता कि किसी को इसकी खिलाफत करनी चाहिए थी। लोगों ने इन्हीं बुनियादों पर सरकार को इस ऐवान में चुनकर भेजा है।

इस प्रकार, विधानसभा के इस पहले दिन का घटनाक्रम जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में और अधिक तनाव पैदा करता है, जहां सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी जारी है।

Back to top button