फूड एलर्जी की समस्या को डॉक्टरी सलाह व खानपान की सही आदत से कम किया जा सकता, जानें कैसे –

छोटे बच्चों को अक्सर कई रोग परेशान करते हैं। इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जबकि कुछ रोग तो बच्चों को प्रेगनेंसी के समय से ही हो जाते हैं। आपको बता दें कि कुछ बच्चों को फूड एलर्जी की समस्या होती है। ये समस्या शिशुओं को तब होती है जब उन्हें भोजन में मौजदू प्रोटीन से नकारात्मक प्रतिक्रिया होने लगे। उनका शरीर कई बार प्रोटीन से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनाने लगते हैं। अगर आपके छोटे बच्चे को खाने से एलर्जी है तो उसको खाना खाने के कुछ ही मिनटे के बाद परेशानी होने लगती है। जबकि कुछ बच्चे के शरीर में भोजन करने के कुछ घंटों के बाद रिएक्शन शुरू होता है। आगे जानते हैं फूड एलर्जी क्या है, इसके क्या कारण होते है और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है।

फूड एलर्जी क्या है?
छोटे बच्चों को फूड एलर्जी हो सकती है। यदि आपके बच्चे को भी इस तरह की समस्या हो तो उसे उल्टी कराने का प्रयास न कराएं। बल्कि उसे पास के डॉक्टर के पास ले जाएं। दरअसल इस समस्या में बच्चे को खाने से एलर्जी हो जाती है और खाना खाने के बाद उसको रिएक्शन होने लगता है।
बच्चे में फूड एलर्जी के लक्षण क्या होते हैं?
बच्चे को फूड एलर्जी के लक्षण कभी जल्द तो कभी देरी से दिखाई दे सकते हैं। इस समस्या में होने वाले कुछ लक्षणों को आगे बताया गया है।
- कॉलिक की समस्या होना
- दस्त
- कब्ज
- मल में खून आना, आदि।
बच्चों की फूड एलर्जी कितने प्रकार की होती है
बच्चों की फूड एलर्जी दो प्रकार की होती है, जिनके बारे में आगे बताया गया है।
फिक्स फूड एलर्जी – इसमें प्रकार में शिशु के एलर्जी के लक्षण स्पष्ट रूप से पहचाने जा सकते हैं। शिशु या बच्चे को जिस चीज से एलर्जी होती है उसको वो चीज खाने से एलर्जिक रिएक्शन होने लगता है।
साइक्लिकल फूड एलर्जी – इस प्रकार की एलर्जी में बच्चों को कुछ चीज खाने के तुरंत बाद ही रिएक्शन दिखाई नहीं देते हैं। इसमें बच्चों को कुछ समय के बाद रिएक्शन होते हैं। ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
शिशु को फूड एलर्जी हो तो क्या करें
यदि आप बच्चे के लक्षणों से फूड एलर्जी की पहचान कर चुके हैं, तो इसके लिए आपको कुछ उपायों को अपनाना होता है। आपको बता दें कि शिशु की फूड एलर्जी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ घरेलू उपायों से आप इस समस्या को कम कर सकते हैं। आगे आपके इस समस्या से बचाव के कुछ उपाय बताए गए हैं।
- छोटे बच्चे को एक बार में एक ही भोजन देने का प्रयास करें,
- शिशु को हर 4 या 5 दिन में खाने की कोई नई चीज दें,
- शिशु को एक साल का होने से पहले गाय का दूध नहीं देना चाहिए,
- बच्चे को कभी भी बाहर का बना हुआ खाना न दें,
- शिशु का आहार बनाते समय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।