राष्ट्रपति चुनाव को दौड़ में बाइडन-ट्रंप को टक्कर देगा शिक्षक

डस्टिन इबे ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने के लिए उन्होंने कानूनी तौर पर अपना नाम बदल लिया और खुद को मतपत्र में लाने के लिए लंबे समय से लोगों के हस्ताक्षर एकत्र कर रहे हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के अलावा एक नए व्यक्ति का नाम सामने आया है। इसके लिए एक 35 वर्षीय शिक्षक डस्टिन इबे ने आधिकारिक तौर पर अपना नाम भी बदला है। उन्होंने राष्ट्रपति की दौड़ में बाइडन और ट्रंप के बीच दोबारा मुकाबले को देखते हुए निराशा व्यक्त की है। हालांकि, यह एक ध्यान आकर्षित करने वाला निर्णय है, लेकिन इबे के पास उठाने के लिए कई गंभीर मुद्दे हैं।
मीडिया से बात करते हुए डस्टिन इबे ने कहा, “मेरा नाम ‘कोई भी अन्य’ (लिटरली एनीबडी एल्स) है और मैं राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल हुआ हूं।” उन्होंने बताया कि वह और उनकी पत्नी अपने वेतन पर घर खरीदने में असमर्थ हैं। डस्टिन इबे ने कहा, “मौजूदा स्थिति में हम और कई युवा घर ढूंढने में संघर्ष कर रहे हैं। हम अब उन चीजों के लिए संघर्ष कर रहे हैं जो 20 से 30 साल पहले चिंता का विषय नहीं था।”
अमेरिकी राजनीति को रीसेट करने की आवश्यकता
गणित के शिक्षक इबे ने कहा कि अब अमेरिकी राजनीति को रीसेट करने की आवश्यकता है और वह इसका तरीका ढूंढ रहे हैं। इबे ने बताया कि उन्होंने ऐसा करने लिए कानूनी तौर पर अपना नाम बदल लिया और खुद को मतपत्र में लाने के लिए लंबे समय से लोगों के हस्ताक्षर एकत्र कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि पिछले हफ्ते वह डलास के एक पार्क में अपनी टेबल लगाई और लोगों के हस्ताक्षर जुटाने में लग गए। इस दौरान कई लोग उन्हें उत्सुकता से देख रहे थे और कई उनपर हंस रहे थे।
इबे के समर्थन में आए लोग
इस दौरान वित्तीय क्षेत्र में काम करने वाले 28 वर्षीय ब्रैंडन रियोस डस्टिन इबे के समर्थन में आगे आए। उन्होंने कहा, “बाइडन और ट्रंप के अलावा भी कोई है जिसे हम चाहते हैं। इसलिए मैं इस व्यक्ति को अपना वोट दे रहा हूं। कोई भी वहां पहुंच सकता है और बाइडन एवं ट्रंप से बेहतर काम कर सकता है।” 68 वर्षीय सेवानिवृत्त विंसेंट जेम्स ने कहा, “वह जो भी कर रहा है, मैं उसकी सराहना करता हूं।”
बता दें कि टेक्सास में राष्ट्रपति पद के लिए किसी उम्मीदवार को शामिल करने के लिए 113,000 ऐसे मतदाताओं के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है जिन्होंने पार्टियों के प्राथमिक चुनावों में हिस्सा नहीं लिया है।