शख्स ने ट्वीट कर रेलवे से मांगी मदद, तो आया ऐसा जवाब, ट्रोलर्स की फौज हुई एक्टिव

 रेल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए रेलवे को सोशल मीडिया पर अक्सर मदद के अनुरोध मिलते हैं. ऐसे में रेलवे के द्वारा तुरंत उन्हें रिप्लाई भी दिया जाता है. लेकिन कभी- कभी जवाब ऐसा आ जाता है, कि वह बहुत ही फनी होता है, और वायरल हो जाता है. ऐसे ही एक मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें ट्रेन में सफर कर रहे बुजुर्ग ने हार्ट पेशेंट के लिए रेलवे से मदद मांगी तो रेलवे ने कुछ ऐसा जवाब दिया कि वह जमकर वायरल हो रहा है. अब यूजर्स भी लगातार तरह-तरह के रेलवे के रिप्लाई पर कमेंट कर रहे हैं.

क्या था पूरा मामला
दरअसल हुआ यूं, कि बलवंत राजपुरोहित नाम के युवक ने रेलवे को सोशल मीडिया पर लिखा कि कृपया रेलवे प्रशासन संज्ञान ले, दो सीनियर सिटीजन यात्री ट्रेन संख्या 20492 साबरमती-जैसलमेर एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे हैं, उनकी सीट कोच एस-2 में 76 और एस-4 में 73 नंबर अलग-अलग अलॉट कर दी गई हैं, इन्हें सुबह 3:50 बजे मोकलसर स्टेशन पर उतरना है, इनमें से 1 हार्ट पेशेंट है. रात में सफर के दौरान ध्यान कौन रखेगा. बुजुर्ग यात्री के परिजन ने रेलवे से मदद मांगी, गुहार की गई कि कृपया मामले पर संज्ञान लें और एक ही कोच में सीट अरेंज करा दीजिए. लेकिन उन्हें मिला जवाब हैरान करने वाला था. जो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा का विषय बना हुआ है.

रेलवे ने दिया ये रोचक जवाब
बता दें, कि इस पर रेलवे ने जवाब दिया, “कृपया किसी भी संभावित सहायता के लिए विमान में मौजूद टीटीई से संपर्क करें.” इस जवाब में रेलवे ने जब ट्रेन को विमान बना दिया तो सोशल मीडिया पर रेलवे ट्रोल होने लगा. इसके बाद रेलवे ने गलती सुधार दी. व‍िमान की जगह ट्रेन कर दी.

यूजर ने क‍िया कमेंट तो रेलवे ने भूल सुधारी
एक यूजर @VikasSh9658303 ने लि‍खा, विमान में टी टी रहते हैं. दूसरे यूजर @Balwant8 ने लिखा, “सर विमान नहीं ट्रेन है”. एक यूजर @DeepakUmishra ने लिखा, “अमृतकाल चल रहा है, रेलवे की ट्रेन को विमान माना जा सकता है”. तो वहीं कुछ लोगों ने लिखा कि रेलवे वालों को ट्रेन और विमान में अंतर बताओ. हालांकि, बाद में रेलवे ने अपने ट्वीट में संशोधन करते हुए विमान को ट्रेन कर दिया.

यात्रियों को मदद के लिए करना चाहिए ये काम
अगर किसी यात्री को यात्रा के दौरान सीट संबंधी या मेडिकल इमरजेंसी से जुड़ी कोई समस्या हो, तो वे तुरंत रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, सोशल मीडिया पर रेलवे के आधिकारिक हैंडल को टैग करके भी मदद मांगी जा सकती है. यह घटना बताती है कि रेलवे की ऑनलाइन सहायता प्रणाली यात्रियों की मदद के लिए सक्रिय है, लेकिन टाइपिंग की गलतियां कभी-कभी असमंजस भी पैदा कर सकती हैं.

रेलवे ने बाद में दी सफाई
वहीं, मामला बढ़ता देख रेलवे ने जल्द ही अपनी गलती सुधारी और स्पष्ट किया कि संबंधित ट्रेन में मौजूद टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) से संपर्क करने की सलाह दी गई थी. वहीं रेलवे प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया कि यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा .

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