पंजाब के लोगों को अब नहीं लगाने पड़ेंगे सरकारी दफ्तरों के चक्कर

पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज जनता की सुविधा के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने डीसी और एसएसपी को सख्त आदेश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें शिकायतें मिल रही थीं कि निचले स्तर पर भ्रष्टाचार जारी है। इसलिए उन्होंने पंजाब भर के डीसी और एसएसपी के साथ बैठक की है और स्पष्ट कर दिया है कि अगर निचले स्तर पर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार में शामिल है या ऐसा करते पकड़ा जाता है तो इसके जिम्मेदार डी.सी. व एसएसपी होंगे। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सरकारी दफ्तरों के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर :
सी.एम. मान ने कहा कि जनता को सरकारी कामों के लिए अब दफ्तरों के चक्कर नहीं होना पड़ेगा। क्योंकि हर जिले जीसी दफ्तर में सी.एम. विंडो या सीएम सहायता केंद्र खोले जा रहे हैं। इसके तहत हर केंद्रों पर अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहेंगे। सी.एम. मान ने बताया कि अगर कोई भी व्यक्ति अपना काम करवाने सरकारी दफ्तर में जाता है तो वहां पर सी.एम. विंडो पर तैनात अधिकारी उसकी सहायता करें और उन्हें बताएंगे कि उनका काम किस दफ्तर में होगा और आपके दस्तावेज लेकर संबंधिक विभाग को भी भेंजेगे। यही नहीं व्यक्ति का काम मंत्रालय स्तर का है तो उसके दस्तावेज उसी दिन शाम को संबंधित मंत्रालय को भेजें जाएंगे।

इसके साथ ही दस्तावेज संबंधित विभाग सहित मुख्यमंत्री भगवंत मान के डैशबोर्ड पर पहुंच जाएंगे। 24 घंटों के भीतर आवेदक के काम की स्टेटस रिपोर्ट संबंधित विभाग के अधिकारी आवेदक को देंगे और फोन पर आवेदक से बात कर उसे बताएंगे कि उसकी फाइल पूरी है या फिर अधुरी है। सी.एम. मान ने कहा कि आवेदक के काम को निर्धारित समय पर पूरा किया जाएगा। इस दौरान सी.एम. मान ने ऐलान करते हुए कहा कि गांवों के लोगों को अपना काम करवाने के लिए शहर नहीं आना पड़ेगा। सरकार आपके द्वार प्रोजेक्ट के तहत लोगों को और अधिक सुविधाएं दी जाएंगी। हर जिले में 4 से 5 गांवों का ग्रुप बनाया जाएगा और जिले के डीसी तय करेंगे कि किस ग्रुप मे सरकारी अधिकारी किस दिन अपना कैंप लगाएंगे। इस कैंप में रजिस्ट्री, सरकारी सर्टीफिकेट, इंतकाल आदि जैसे कई काम होंगे। कैंप वाले दिन जिले के सभी अधिकारी, कर्मचारी समय पर मौजूद रहेंगे। कैंप लगने की जानकारी गांव के लोगों को धार्मिक स्थल पर अनाउंसमेंट करके या फिर सोशल मीडिया पर दी जाएगी।

इस दौरान सी.एम. मान ने कहा कि सभी कामों का डैशबोर्ड बनाया गया है और गांवों में लगने वाले कैंपो की वीडियोग्राफी सीधे उनके डैशबोर्ड से कनेक्ट होगी। इस के चलते वह आई पैड पर एआई के जरिए जान लेंगे के संबंधित अधिकारी मौके पर कैंप में मौजूद हैं या फिर नहीं। ये भी पता चल जाएगा कि तहसीलदार कैंप में कितनी रजिस्ट्रिया की यानी के कितने लोगों का काम किया है। सी.एम. मान ने कहा कि उनकी बाज की आंख सभी अधिकारी व कर्मचारियों पर रहेगी।

सी.एम. मान ने कहा लोग आम शिकायत लेकर अधिकारियों के दफ्तरों में जाते है तो उन्हें खज्जल होना पड़ता है। इसी चलते पंजाब के हर जिले के हर प्रशासकीय कांपलैक्स में सहायता केंद्र खोले जाएंगे। अब पंजाबियों को इस समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। केंद्र में बैठे अधिकारी लोगों के काम सुनेंगे और उन्हें बतायएंगे कि उनका काम किसी दफ्तर या अधिकारी के पास है। सी.एम. मान ने कहा कि लोगों को अपना काम करवाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जोकि अब नहीं होगा। सी.एम. मान ने कहा कि अगर जनता किसी सरकारी काम को लेकर परेशान हुई या फिर भ्रष्टाचार हुआ तो उसकी जिम्मेदारी सीधी डीसी और एसएसपी की होगी। उन्होंने कहा कि अब आने वाले दिनो में विधायकों, वांलिटयर के दफ्तर पावरफुल किए जाएंगे। जनहित कार्य विधायकों के दफ्तरों में होगा। विधायकों लोगों के काम तुरन्त प्रभाव के साथ करने होंगे।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण पिछले तीन महीने से कई काम रुके हुए थे, ऐसे में उन्होंने काम में तेजी लाने का आदेश भी दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में फिलहाल बिजली की कोई कमी नहीं है, विरोधियों द्वारा कटौती की बात बेबुनियाद है। अत्यधिक गर्मी के कारण कई जगहों पर ट्रांसफार्मर में खराबी जरूर आ रही है, जिससे बिजली गुल हो रही है, लेकिन पंजाब में कहीं भी लंबे समय तक बिजली कटौती नहीं हो रही है.

हम नशे के जाल को तोड़ेंगे
नशे के मुद्दे पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ एक सामाजिक आंदोलन खड़ा करना होगा. सबसे पहले हमें नशे के जाल को तोड़कर आगे बढ़ना होगा। नशे के मामलों में बच्चों की काउंसिलिंग करनी होगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का निर्माण किया जा रहा है. जिससे हर विभाग में उनकी पैनी नजर रहेगी प्रत्येक जिले में एक मुख्यमंत्री सहायता केंद्र खोला जाएगा। जिसके लिए रेगुलर डीसी ऑफिस में एक सेक्शन रखा जाएगा, वहां कोई भी काम लेकर आ सकता है। यदि यह जिला स्तरीय कार्य है तो इसे तुरंत किया जाएगा, यदि यह मंत्री स्तर का कार्य है तो इसे आगे बढ़ाया जाएगा।

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