परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु पर यहां के लोग पहनते हैं नए कपड़े, जाने वजह

अगर किसी के परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो उसे बड़ा सदमा पहुंचता है। जी हाँ और उसके निधन के बाद पूरा परिवार कई महीने तक उसको भुला ही नहीं पाता। केवल यही नहीं परिवार के लोग कई दिन तक सदमे में रहते हैं और खाना-पीना तक छोड़ देते हैं। हालाँकि आज हम आपको दुनिया के एक ऐसे स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं जहां किसी की मौत होने पर परिवार के लोगों को ना तो कोई तकलीफ होती है और ना ही सदमा लगता है। जी हाँ और सबसे बड़ी बात यहाँ के लोग परिवार के किसी भी सदस्य की मौत पर खुशियां मनाते हैं। जी दरअसल, हम बात कर रहे हैं इंडोनेशिया के बाली द्वीप के बारे में। यहाँ इस द्वीप पर किसी इंसान की मौत किसी पर्व से कम नहीं होती है।

जी हाँ और यहां जब भी कोई मरता है तो परिवार के अन्य सदस्य नाच-गाना शुरू कर देते हैं। केवल यही नहीं बल्कि उनका यह उल्लास और पर्व काफी लंबे समय तक चलता है। बाली निवासियों का मानना है कि मृत्यु के पश्चात आत्मा सभी बंधनों से मुक्त हो जाती है इसीलिए पारिवारिक सदस्यों को उत्साहित होकर आत्मा के बंधन मुक्त होने की खुशियां मनानी चाहिए। इसके अलावा जब किसी परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होती है तो उस परिवार के लोग रंग-बिरंगी पोशाकों में शव को अंतिम विदाई देते हैं। यहाँ युवतियां महंगे और चमकीले आभूषण पहनकर निकलती हैं। वहीं बालों में सुंदर फूल लगाकर और बैंड बाजे के साथ सब बाहर निकलते हैं और साथ-साथ चलती हुई मृदंग की ध्वनि पर्व जैसा अहसास करवाती है।

कहा जाता है यहाँ जुलूस की तरह शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है और जुलूस के आगे-आगे रेशमी कपड़ों और फूल-मालाओं से लिपटा एक साठ फीट लंबा स्तंभ चलाया जाता है और इस स्तंभ के अंदर ही शव को रखा जाता है। आप सभी को बता दें कि बाली द्वीप के लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी सशक्त नहीं होती कि वह शव का अंतिम संस्कार कर पाएं इसीलिए अधिकांश लोगों को अपना घर तक बेचना पड़ता है। यहाँ जब कोई मरता है तो उसके घर के बाहर घी का दिया जलाया जाता है और शव को ठीक दहलीज पर रखकर शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा की जाती है। केवल यही नहीं बल्कि कभी-कभी तो दफनाने का यह शुभ मुहूर्त कई दिनों तक नहीं आता है।

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