आदेश ध्वस्तीकरण का, बुलडोजर चलाकर छोड़ा गया बनारस कोठी और रिवर पैलेस होटल

वीडीए से ध्वस्तीकरण आदेश पारित होने के बाद भी बनारस कोठी और रिवर पैलेस को अब तक पूरी तरह से नहीं तोड़ा गया है। इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि वीडीए के अधिकारी ध्वस्तीकरण अभियान की कार्ययोजना बना रहे हैं। पुलिस प्रशासन से सामंजस्य बनाने के बाद ध्वस्तीकरण की तारीख तय की जाएगी। इसके बाद ध्वस्तीकरण अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी।
होटलों पर हुई कार्रवाई के बाद शहर के अन्य अवैध होटलों में खलबली मची है। खासकर वरुणा नदी के ग्रीन बेल्ट दायरे में बने 50 से अधिक होटल संचालकों में दहशत का माहौल है। बीते 27 जुलाई को वीडीए ने बुद्ध विहार काॅलोनी के अवैध दो होटलों पर ध्वस्तीकरण अभियान चलाया था।
इन होटलों पर हथौड़ा और बुलडोजर के जरिये कुछ अवैध निर्माण को तोड़ा था। अब भी पूरा होटल ध्वस्त नहीं हुआ है। होटल के अंदर वीडीए ने अवैध निर्माणों को डैमेज कर सील लगाकर पुलिस अभिरक्षा में दे दिया है।
वीडीए के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग के अनुसार मोहम्मद जाफर अली खां ने बुद्ध विहार कालोनी में दो होटल का निर्माण कराया है। दोनों होटल की जमीन के मामले में शासन ने अन्नपूर्णा भवन निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड के आठ भूखंड का भू उपयोग आवासीय से व्यवसायिक करने का प्रत्यावेदन निरस्त किया था।
स्वीकृत क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल पर निर्माण करने, सेट बैंक कवर करने, वरुणा किनारे महायोजना-2031 में नियत ग्रीन बेल्ट में निर्माण करने, बहुमंजिला निर्माण बेसमेंट, ग्राउंड और 5 तल का अवैध निर्माण कराया गया। जिसका ध्वस्तीकरण आदेश पहले ही पारित है।
बनारस कोठी होटल 142.88 वर्ग मीटर पर आवासीय जी प्लस टू का नक्शा 2012 में पास कराया था। स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण कराया। इस पर वीडीए ने नोटिस जारी कर सुनवाई का अवसर दिया। बावजूद इसके निर्माण कराने पर 2015 में होटल सील किया गया था। 2016 में होटल का ध्वस्तीकरण आदेश पारित है।
इसी प्रकार होटल रिवर पैलेस का निर्माण 1999 में कराया गया। इसमें 209 वर्गमीटर पर ग्राउंड प्लस दो तल का आवासीय नक्शा पास कराया गया। इस संबंध में अवैध निर्माण के लिए नोटिस दिया गया था। 2005 में वीडीए ने सील किया था। 2016 में ध्वस्तीकरण का आदेश पारित है।
क्या बोले अधिकारी
बुद्ध विहार कॉलोनी के दो होटलों को ध्वस्त कराने के लिए पुलिस प्रशासन से सामंजस्य बैठाकर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। ऐसे सभी निर्माणकर्ता जिनके खिलाफ पहले ध्वस्तीकरण का आदेश पारित है। उन्हें सूचित किया गया है कि ऐसे भवनों का इस्तेमाल न करें। -पुलकित गर्ग, उपाध्यक्ष, वीडीए