BCCI लागू करने जा रहा आईपीएल के आगामी सीजन के लिए नए नियम, पढ़े पूरी ख़बर

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग यानी आईपीएल के आगामी सीजन में एक नया नियम लागू करने जा रहा है, जिसको ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ के नाम से जाना जाएगा। ये नियम फैंस फुटबॉल, रग्बी, बास्केटबॉल और बेसबॉल जैसे खेलों में देख चुके हैं। लेकिन IPL में पहली बार इसका इस्तेमाल होगा। 

बीसीसीआई ने एक बयान में कहा, “बीसीसीआई ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ की कॉन्सेप्ट को पेश करना चाहता है, जिसमें भाग लेने वाली टीमें खेल के टी20 मैच के दौरान अपने प्लेइंग इलेवन के एक सदस्य को बदल सकती हैं।” नियम के मुताबिक टीमें मैच के दौरान अपने प्लेइंग इलेवन के एक सदस्य को बदल सकती हैं, अगर उन्हें लगता है कि यह सही रहेगा।

क्या है ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम
टॉस के दौरान कप्तान को प्लेइंग इलेवन के साथ 4 ऐसे खिलाड़ियों के नाम देने होंगे, जिन्हें वह मैच के दौरान इस्तेमाल करना चाहता हो। इनमें से टीम किसी एक ही खिलाड़ी को बतौर सब्सटिट्यूट मौका दे सकती है। 

इंपैक्ट प्लेयर एक पारी के 14वें ओवर से पहले प्लेइंग इलेवन में किसी भी खिलाड़ी की जगह ले सकता है। कप्तान, मुख्य कोच और टीम मैनेजर को इम्पैक्ट प्लेयर को लाने के बारे में ऑन-फील्ड अधिकारियों या चौथे अंपायर को सूचित करना होगा।

अगर टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए जल्दी अपने विकेट खो देती है तो ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम की मदद से वह एक गेंदबाज की जगह सब्सटिट्यूट खिलाड़ी के रूप में किसी अतिरिक्त बल्लेबाज को मौका दे सकती है। 

वहीं अगर पहले बैटिंग करते हुए टीम ज्यादा विकेट नहीं खोती तो दूसरी पारी में टीम एक बल्लेबाजी की जगह अतिरिक्त गेंदबाज को टीम में शामिल कर सकती है। हालांकि सब्सटिट्यूट खिलाड़ी के आने के बाद मैदान छोड़ने वाला खिलाड़ी मैच में दोबार हिस्सा नहीं ले पाएगा। 

आईपीएल 2023 में पेश किया जाने वाला नया नियम काफी हद तक फुटबॉल से मिलता-जुलता है। जहां सब्सटिट्यूट खिलाड़ी पर कोई प्रतिबंध नहीं है।  सब्सटिट्यूट खिलाड़ी को अन्य नियमित खिलाड़ी की तरह प्रदर्शन करने की  अनुमति होगी। बीसीसीआई ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में नए “इम्पैक्ट प्लेयर” नियम को लागू किया था। अक्टूबर में दिल्ली के ऋतिक शौकीन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में पहले “इम्पैक्ट प्लेयर” बने। 

ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश लीग के दौरान ये नियम लागू होता है, लेकिन वहां पर इसको एक्स फैक्टर के रूप में जाना जाता है। इस नियम के मुताबिक टीम शीट पर 12वें या 13वें खिलाड़ी के रूप में जुड़ा ‘एक्स-फैक्टर खिलाड़ी’, पहली पारी के 10वें ओवर के बाद गेम में आ सकता है और किसी भी ऐसे खिलाड़ी की जगह ले सकता है जिसने अभी तक बल्लेबाजी की है, या एक से अधिक ओवर नहीं फेंके हैं। एक रिप्लेस खिलाड़ी अधिकतम चार ओवर गेंदबाजी कर सकता है, भले ही उनके द्वारा रिप्लेस किए गए खिलाड़ी ने गेंदबाजी की हो।

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