कारोबारी गौतम अडानी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के बीच हुई बैठक…

कारोबारी गौतम अडानी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के बीच गुरुवार को बैठक हुई। खबर है कि दोनों के बीच बंद कमरे में करीब 2 घंटे तक चर्चाएं हुईं। हालांकि, अब तक बैठक का एजेंडा साफ नहीं हो पाया है, लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट विवाद, जेपीसी जांच और एनसीपी में सियासी उथल पुथल के बीच बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।

पवार और अडानी के पुराने रिश्ते
पवार और अडानी के रिश्ते की बात नई नहीं है। दोनों एक-दूसरे करीब 2 दशकों से जानते हैं। यहां तक कि पवार ने अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे संगाती’ में अडानी की जमकर तारीफ भी की थी। उन्होंने कारोबारी को मेहनत करने वाला और जमीन से जुड़ा व्यक्ति बताया था। खास बात है कि उस दौरान अडानी कोयला क्षेत्र में संभावनाएं तलाश रहे थे।

पवार ने यह भी लिखा था कि उनके कहने पर ही अडानी ने थर्मल पावर सेक्टर का रुख किया था। उन्होंने अपनी किताब में अडानी के कारोबारी सफर को भी शामिल किया था, जिसमें मुंबई लोकल में सेल्समैन के तौर पर काम करने से लेकर बड़ा कारोबारी बनने तक की कहानी है।

इंटरव्यू में भी किया बचाव
एक इंटरव्यू के दौरान पवार ने कारोबारियों को ‘निशाना’ बनाए जाने को लेकर भी बात की थी। उन्होंने कहा था, ‘यह देश में कई सालों से हो रहा है। मुझे याद है कि कई सालों पहले, जब हम राजनीति में आए थे, तो अगर हमें सरकार के खिलाफ बोलना ही होता था, तो हम टाटा-बिड़ला के खिलाफ बोलते थे।’

उन्होंने आगे कहा, ‘निशाना कौन थे? टाटा-बिड़ला। जब हमने टाटा के योगदान को समझा, तो हैरान रह गए हम क्यों टाटा-बिड़ला कर रहे थे। लेकिन किसी को तो निशाना बनाना था, तो हम टाटा-बिड़ला को निशाना बनाते थे। आज टाटा-बिड़ला का नाम आगे नहीं है, दूसरे टाटा-बिड़ला सरकार के सामने आ गए हैं। इसलिए अगर इन दिनों आपको सरकार पर हमला करना हो, तो अंबानी और अडानी का नाम लिया जाता है।’

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