हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा…एक्स रोहन के लिए खाटूश्याम दरबार में पहुंची गुमनाम प्रेमिका

 विश्व प्रसिद्ध खाटूश्याम जी मंदिर में आज प्रेमी जोड़ों की भरमार है. सुबह आरती के समय से ही वैलेंटाइन डे के दिन बाबा के दरबार में प्रेमी और प्रेमिकाएं बाबा से शादी कराने और हमेशा उनके साथ रहने की मन्नत मांग रही हैं. कुछ भक्त अपने अधूरे प्यार को पाने के लिए बाबा को चिट्ठी भी लिख रहे हैं. ऐसे में आज वैलेंटाइन डे पर खाटूश्याम जी मंदिर में कवरेज के दौरान लोकल 18 की टीम को एक भक्त की चिट्ठी मिली. जिसमें एक प्रेमिका ने बाबा श्याम से अपने प्रेमी को मांगा है. हालांकि चिट्ठी में प्रेमिका ने अपना नाम नहीं लिखा है लेकिन, प्रेमी का नाम जरूर लिखा हुआ है.

जानें चिट्ठी में क्या लिखा
प्रेमिका ने चिट्ठी में लिखा है कि बाबा मैं रोहन को अपनी जिंदगी में वापिस चाहती हूं. अगर वो मेरे लिए सही हो तो उसको मेरी जिंदगी में आप वापिस भेज देना. मैं चाहती हूं, जिससे मेरी मंगनी हुई है उसी से शादी हो. मैं उसे खोना नहीं चाहती, पर बाबा उसे मैं समझ नहीं पा रही शायद. आप तो सब जानते हो न ठाकुर जी. सब कुछ ठीक कर दो. मेरी शादी उससे हो जाए.

बाबा श्याम को भक्त गुलाब और चिट्ठी भेंट कर रहे
आपको बता दें, कि वैलेंटाइन वीक के पहले दिन से ही बाबा श्याम के दरबार में नवविवाहित जोड़ों ओर प्रेमी और प्रेमिकाओं के आने का सिलसिला जारी हो गया था. जो, वैलेंटाइन डे के अंतिम दिन तक जारी है. भक्त बाबा श्याम के दर्शन कर उन्हें गुलाब और अपने प्रेमी को पाने के लिए चिट्ठी लिख रहे हैं.

सतरंगी फूलों से सजे बाबा श्याम 
वहीं दूसरी ओर आज वैलेंटाइन डे के दिन बाबा श्याम का मनमोहक श्रृंगार किया गया है. बाबा को आज पीले, लाल, नीले, नारंगी, गुलाबी सहित अनेक रंगों के खुशबूदार फूलों से सजाया गया है. इसके अलावा हमेशा की तरह आज भी रत्न जड़ित सोने का मुकुट बाबा श्याम को पहनाया गया था. हारे के सहारे लखदातार बाबा श्याम का श्रृंगार आज भक्तों को खूब पसंद आ रहा है.

कौन हैं बाबा श्याम 
हारे के सहारे बाबा श्याम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है. महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे. बर्बरीक के पास तीन ऐसी तीर थे, जो पूरे युद्ध को पलट सकते थे. ऐसी मान्यता है इसी को लेकर भगवान कृष्ण ब्राह्मण क् रूप में आए और उनसे शीश दान में मांग लिया. बर्बरीक ने भी बिना संकोच किए भगवान कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया. बताया जाता है, तब भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा कि ” बर्बरीक तुम्हें कलियुग में श्याम के नाम से पूजा जाएगा, तुम्हें लोग मेरे नाम से पुकारेंगे और तुम अपने भक्तों के हारे का सहारा बनोगे”.

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