राज मिस्री ने तराश दी बेटे की जिंदगी… UPSC की परीक्षा में ऑल इंडिया स्तर पर हासिल किया दूसरा रैंक

कलायत के आदर्श गांव बालू के 29 वर्षीय बेटे मोहित धीमान ने यूपीएससी द्वारा आयोजित भू-वैज्ञानिक परीक्षा में देश भर में दूसरा स्थान हासिल किया है। इस सफर में सबसे खास बात यह रही कि इनके पिता ने राज मिस्त्री का काम करते हुए अपने दो बच्चों को पढ़ाया लिखाया और खुद भी कला शिक्षक का कोर्स किया।

मोहित धीमान ने बताया कि मजदूर पिता कुलदीप धीमान व माता सुशीला देवी ने आर्थिक संसाधनों के अभाव के बावजूद उन्हें पढ़ने के अवसर दिए। माता-पिता की तमन्ना उन्हें सफलता की उड़ान भरवाने की थी। इसे साकार करने के लिए पहली से दसवीं कक्षा तक गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। इस दौरान वे हर कक्षा में अव्वल रहे। इससे परिवार के लोगों की उम्मीदें बढ़ती गई।

विपरीत परिस्थितियों ने इरादों को किया बुलंद
ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा की पढ़ाई कलायत के शिक्षा भारती स्कूल से पूरी की। उपरांत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बीएससी व एमएससी फिजिक्स की पढ़ाई पूर्ण की। पिता द्वारा दिए गए अवसर हमेशा प्रेरणादायक रहे। उन्हें हर कदम पर पिता द्वारा मेहनत के पसीने से कमाए गए पैसे की कीमत अहसास करवाती रही। वे मुकाम के प्रति अपने इरादों को मजबूत करते चले। उनको पांवों पर खड़ा करते-करते पिता भी कला शिक्षक का कोर्स पूर्ण करने में सफल रहे। वर्ष 2014 में पिता को मेहमान शिक्षक के तौर पर कला शिक्षक की नौकरी मिली। वर्तमान मेंं वे जिला कुरुक्षेत्र के गांव सारसा के सरकारी स्कूल में सेवाएं दे रहे हैं।

परिणाम देखकर खुशी के आंसुओं से भर गई आंखें
मोहित धीमान ने बताया कि 2024 में यूपीएससी का फरवरी माह में प्री एग्जाम हुआ। जून में मेंन्स और 10 दिसंबर को साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी हुई। अब जैसे घोषित परिणाम में उन्होंने अपना नाम दूसरे रैंक पर पाया तो आंखों खुशी से नम हो गई। मैं माता-पिता के सामने खुद को साबित करने में सफल रहा। अब मिशन परिवार के ख्वाबों को पूरा करते हुए भू-वैज्ञानिक के तौर पर देश की उन्नति के लिए काम करना है। इस दिशा में वे संजीदगी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करेंगे।

जेब खर्च से बचत कर पुस्तकें खरीदने में रही मोहित की रुचि
मोहिता धीमान के पिता कुलदीप धीमान व माता सुशीला देवी ने बताया कि बचपन से ही बेटे की पढ़ाई में गहरी लग्न रही। वह अपने जेब खर्च की बचत कर पुस्तकें खरीद उन्हें पढऩे में मग्न रहता। इसके चलते उन्हें विश्वास था कि बेटे की मेहनत व लग्न एक दिन उसे सफलता हासिल करवाएगी।

गांव के बेटे दीपक जागलान ने जज के पद पर पाई नियुक्ति
बालू को वर्ष 2006 से आदर्श गांव का दर्जा हासिल है। शिक्षा के मजबूत संसाधन गांव में उपलब्ध नहीं हैं। इसके बावजूद भी गांव के युवा अलग-अलग क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। इस कड़ी में कुछ समय पहले ही गांव के बेटे दीपक जागलान न्यायिक परीक्षा पास करते हुए जज के पद पर पहुंचे।

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