कोरोना में मारा गया कबीले का आखिरी मर्द, 3 बहनों ने ऐसे बचाई जनजाति!

दुनिया में ऐसी कई जनजातियां हैं, जो सदियों से मॉडर्न युग से काफी दूर है. इन्हें शहरों और शहरी लोगों से कोई मतलब नहीं होता. ये घने जंगलों में रहते हैं और आज भी सदियों पुरानी लाइफ ही जी रहे हैं. इनका जीवन ज्यादातर प्रकृति पर ही निर्भर करता है. लेकिन चूंकि, इनके पास आज की तरह बेस्ट मेडिकल फैसिलिटी नहीं होते, इस वजह से छोटी सी बीमारी भी इनके बीच महामारी बन कर फ़ैल जाती है. जिस कारण कई कबीलों का अंत हो जाता है.
ब्राजील के घने जंगलों में ऐसे कई कबीले रहते हैं. बताया जाता है कि 2021 से अब तक कई कबीले कोरोना की वजह से खत्म हो चुके हैं. इसमें जुमा जनजाति भी एक मानी गई थी. ऐसा माना जा रहा था कि जुमा जनजाति के लोग कोरोना की वजह से खत्म हो चुके हैं. इस कबीले का आखिरी मर्द, अरूका जुमा 90 साल की उम्र में कोरोना की वजह से चल बसा था. उसे दो घंटे नाव से अस्पताल लाया गया था. लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया था. लेकिन अब खबर आई है कि इस कबीले को तीन महिला सदस्यों ने मिलकर बचा लिया है.
धीरे-धीरे गायब हो गई थी जनजाति
बात अगर जुमा जनजाति की करें, तो 18वीं शताब्दी तक इसमें 15 हजार लोग थे. उसी समय इनके अस्तित्व का पता चला था. 1934 तक इसमें मात्र 100 लोग बचे रह गए. तीस साल के बाद यहां एक हत्याकांड हुआ, जिसके बाद कबीले में सिर्फ 6 लोग बचे रह गए थे. 1999 में मिस्टर जुमा के साले की मौत हो गई जिसके बाद सिर्फ पांच लोग बच गए. कोरोना में जुमा की भी मौत हो गई. लेकिन उनकी बेटियों ने मिलकर अपने कबीले को जिंदा रखा.