इन डिशेज के बिना अधूरा है दुर्गा पूजा का आनंद
नवरात्र का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत 3 अक्टूबर से हो चुकी है। खासकर बंगाल में ये त्योहार खूब जोर-शोर से मनाते हैं। दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे प्रमुख त्योहार है, जिसे खूब जोर-शोर से मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा के लिए गली-गली में पंडाल लगाए जाते हैं, जहां नौं दिनों तक लोग नाच-गाने से लेकर पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी लेते हैं। दुर्गा पूजा का असली आनंद लेने के लिए आपको एक बार कलकत्ता जरूर जाना चाहिए।
यहां दुर्गा पूजा की अलग ही रौनक देखने को मिलती है। खट्टे मीठे, तीखे और पारंपरिक मिठाइयों का स्वाद लेने के लिए कई राज्यों और विदेशों से लोग नवरात्र के दौरान कोलकाता आते हैं। ऐसे में यदि आप भी नवरात्र में कोलकाता जाने का प्लान बना रहे हैं, तो पूजा पंडालों में आपको कुछ खास डिशेज (Durga Puja Food Recipes) का मजा जरूर लेना चाहिए। आइए जानें कौन-कौन सी हैं वो डिशेज।
खिचड़ी
नवरात्र में बंगाल में पूजो पंडाल में खिचड़ी भी खाई जाती है। दाल, चावल और सब्जियां डालकर पकाई गई खिचड़ी पौष्टिक होने के साथ-साथ पेट के लिए लाइट भी होती है। दुर्गा पूजा पर भोग की तरह भी भोगेर खिचुरी भी बनाया जाता है।
तेलभाजा (पकौड़े)
तेलभाजा को हम पकौड़े के नाम से जानते हैं। बंगाल में खासकर के बैंगन, आलू या दाल के पकौड़े पूजो पंडाल में बनाएं और खिलाएं जाते हैं। आप भी नवरात्र में शाम के समय गरमा गरम पकौड़ों का मजा लें सकते हैं। कई पंडालों में आपको इसके स्टॉल्स मिल जाएंगे।
रसगुल्ला या संदेश
बंगाल का रसगुल्ला को पूरे देश में मशहूर हैं। ये रसीले और मुलायम रसगुल्ले आपके मुंह में बड़ा ही अनोखा स्वाद खोल देंगे। खासकर नवरात्र के नौं दिन पूजो पंडाल में आप मिठाइयों में रसगुल्ला, संदेश जैसे मिठाइयों का मजा लें सकते हैं। इनका स्वाद काफी अलग और टेस्टी होता है।
माछेर झोल (मछली की करी)
खासतौर पर नवरात्र में पूजो पंडाल में माछेर झोल लोग खूब शौक से खाते हैं। माछेर झोल मछली की करी होती है, जो कई मसालों के साथ पकाई जाती है। इसे चावल के साथ लोग खाना पसंद करते हैं। अगर आप भी मछली खाने के शौकीन हैं, तो आपको इसे जरूर ट्राई करना चाहिए।
सिंघाड़े की कचौरी
नवरात्र में बंगाल के पूजा पंडालों में सिंघाड़े की कचौड़ी भी खूब खाई जाती है। सिंघाड़े की कचौड़ी काफी टेस्टी लगती है और इसे हरी चटनी के साथ सर्व किया जाता है। सिंघाड़ों को उपवास के दौरान भी खाया जा सकता है। इसलिए इसे एक बार तो जरूर चखें।