सर्दियों की बारिश और बर्फबारी से जलवायु परिवर्तन के मामले ने बढ़ाई एक्सपर्ट की चिंता…
देश के उत्तरी राज्यों में एक ओर जहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है तो दूसरी ओर, पर्वतयी इलाकों में तापमान में लगातार इजाफा हो रहा है। सर्दियों के मौसम में भी पहाड़ों का अधिकतम तापमान हर साल बढ़ रहा है। सर्दियों की बारिश और बर्फबारी से जलवायु परिवर्तन का मामला सामने आने से एक्सपर्ट भी चिंतित हैं। इससे काफी हद तक मौसम चक्र प्रभावित भी हुआ है।
नैनीताल में ही पिछले कुछ साल में तापमान में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है जबकि बारिश और बर्फबारी में कमी आ रही है। मौसम विज्ञानी भी इस बात को लेकर चिंतित हैं और इसका मुख्य कारण ग्लोबल वॉर्मिंग बता रहे हैं। आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एरीज) के वायुमंडलीय वैज्ञानिकों के अनुसार सर्दियों में भूमध्य सागर से उठने वाले चक्रवाती प्रवाह के साथ ही निचले वायुमंडल की गतिकी भी बारिश एवं बर्फबारी के लिए महत्वपूर्ण होती है।
लेकिन पिछले कुछ सालों से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के बावजूद बारिश व बर्फबारी में कमी आई है। जलवायु परिवर्तन के चलते निचले वायुमंडल की गतिकी प्रभावित होने पर यह स्थितियां बन रही हैं। तापमान में भी वृद्धि हो रही है। सामान्य तौर पर नैनीताल में हर वर्ष दिसंबर आखिरी सप्ताह से जनवरी पहले सप्ताह के बीच बर्फबारी अवश्य होती है, लेकिन इस बार अब तक ऐसा नहीं हुआ है।
एरीज नैनीताल के वरिष्ठ वायुमंडलीय वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह कहते हैं कि सर्दियों की बारिश और बर्फबारी पर जलवायु परिवर्तन का असर पड़ रहा है। इससे काफी हद तक मौसम चक्र प्रभावित हुआ है। पहाड़ों में हर साल तापमान बढ़ना चिंता का विषय है। कहा कि बर्फबारी कम होना भी एक चिंता का विषय है।
नैनीताल सर्दियों में बारिश, बर्फबारी और तापमान की स्थिति
वर्ष बारिश बर्फबारी औसत तापमान
2019 150 शून्य 12.8
2020 155 5 सेमी 12.7
2021 144 3 सेमी 13.6
2022 110 2 सेमी 14
2023 शून्य शून्य 15 —
नोट: आंकड़े जिला मौसम विज्ञान केंद्र से लिए गए हैं। बारिश मिमी, बर्फबारी सेमी और तापमान डिग्री सेल्सियस में दिया है।