इंश्योरेंस पॉलिसी समेत कई चीजों के कम हो सकते हैं टैक्स

GST Council Meet 2024आज राजस्थान में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक शुरू हुई है। इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही है। यह बैठक कई मामलों से अहम है। इस बैठक में जीएसटी के कम होने की संभावना है। माना जा रहा है कि इस बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी दर को लेकर फैसला लिया जा सकता है।

जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक आज शुरू हो गई है। इस बैठक में 148 वस्तुओं पर टैक्स स्लैब में बदलाव के साथ ही इंश्योरेंस पॉलिसी को लेकर भी कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी कम करने का फैसला लिया जा सकता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद में एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) को जीएसटी टैक्स के दायरे में लाने पर भी विचार-विमर्श करने की उम्मीद है।

क्या है बैठक का एजेंडा
जीएसटी परिषद की बैठक का एजेंडा हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी दर तय करना है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व में परिषद द्वारा गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने नवंबर में अपनी बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने पर सहमति व्यक्त की थी।

इसके अलावा सीनियर सिटिजन द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस कवर के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को कर से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा के लिए वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव है। हालांकि, 5 लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवर वाली पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी जारी रहेगा।

इंश्योरेंस पॉलिसी पर जीएसटी कम होगा या नहीं, इसका फैसला कुछ देर में पता चल जाएगा। उम्मीद है कि जीएसटी दर कम हो जाएगा क्योंकि ज्यादातर राज्य आम आदमी को राहत देने के लिए प्रीमियम पर कर कम करने के पक्ष में हैं।

फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर भी होगा फैसला
फिटमेंट कमेटी ने कई प्रस्ताव पेश किये हैं। इन प्रस्तावों में से एक में स्विगी (Swiggy) और जोमैटो (Zomato) जैसे फूड डिलीवरी प्लेटफार्मों पर जीएसटी की मौजूदा दर 18 प्रतिशत (आईटीसी के साथ) से घटाकर 5 प्रतिशत (इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना) करना शामिल है।

इसके अलावा ईवी के साथ-साथ छोटे पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री पर जीएसटी को मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक इस बढ़ोतरी से पुरानी और पुरानी छोटी कारों और ईवी को पुराने बड़े वाहनों के बराबर लाया जाएगा।

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